राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि वह भाजपा और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे पर समझौते संबंधी घोषणा से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भगवा भाइयों के बीच चुनाव संबंधी समझौता पहले से ही तय था। अपने तनावपूर्ण संबंधों से पार पाते हुए भाजपा और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने की घोषणा की। पवार ने कहा, मिलकर चुनाव लड़ने की उनकी घोषणा में कुछ नया नहीं है।
उन्होंने कहा कि 25 से अधिक सालों से गठबंधन साझीदार भाजपा और शिवसेना के मिलकर चुनाव लड़ने की ही उम्मीद थी। पवार ने केंद्र और महाराष्ट्र में 2014 में राजग के सत्ता में आने के बाद से दोनों सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच लगातार तकरार का जिक्र करते हुए कहा, वे पिछले कुछ सालों में (एक दूसरे के खिलाफ) खुलकर बोलते रहे हैं, लेकिन उनके मिलकर चुनाव लड़ने की ही संभावना थी। राकांपा और कांग्रेस के बीच चुनाव से पहले आपसी समझ की स्थिति के बारे में पवार ने कहा कि उन्हें अभी एक या दो सीटों पर सर्वसम्मति बनानी है। हालांकि पवार ने उन सीटों का नाम नहीं बताया जिन पर सहमति नहीं बनी है।
पवार ने कहा कि राकांपा और कांग्रेस नांदेड़ में पहली संयुक्त रैली करेंगी जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे और दोनों दलों के वरिष्ठ नेता इस रैली में भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि दोनों दलों की एक अन्य संयुक्त रैली 23 फरवरी को मराठवाड़ा के बीड़ में आयोजित की जाएगी। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि दोनों दलों के बीच औरंगाबाद और अहमदनगर लोकसभा सीटों को लेकर सहमति अभी नहीं बनी है। नेता ने कहा, कांग्रेस अहमदनगर सीट से उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है लेकिन राकांपा इस पर तैयार नहीं हो रही है क्योंकि उसे लगता है कि इस क्षेत्र में (कांग्रेस की तुलना में) उसका अधिक प्रभाव है।
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भाजपा-शिवसेना का साथ आना पहले से ही तय था: शरद पवार