संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनओ) में कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के मसले पर हुई बैठक के बाद भारतीय राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने पत्रकारों के साथ सवाल-जवाब सत्र में भारत के रुख को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने बेहद मजबूती से पेश किया। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया जाना पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है और इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। जब दुनियाभर की निगाहें उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस थी तब उन्होंने अपनी कूटनीतिक कुशलता का परिचय देते हुए कुछ ऐसा किया जिसने वहां मौजूद पाकिस्तानी पत्रकारों की भी बोलती बंद कर दी। उन्होंने सबसे पहले पाकिस्तान के तीन पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए और उस दौरान वह बेहद आत्मविश्वास में दिखे। उन्होंने कहा कि आप लोगों के मन में कोई संदेह नहीं रहना चाहिए क्योंकि मैं तीनों पाक पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहा हूं।
जैसे ही पाकिस्तान के आखिरी पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा कि नई दिल्ली इस्लामाबाद से कब वार्ता करेगा, तो अकबरुद्दीन ने पोडियम से आगे कर बेहद आत्मविश्वास के साथ बोला, 'चलिए, मुझे इसकी शुरुआत सबसे पहले आपसे रू-ब-रू होकर करने दीजिए। हाथ मिलाने दीजिए।' उन्होंने एक-एक कर तीनों पत्रकारों से हाथ मिलाया और इस दौरान वहां पत्रकारों की हंसी सुनाई दी। इसके बाद पोडियम पर जाकर उन्होंने कहा, 'हमने दोस्ती का हाथ बढ़ाकर दिखा दिया कि हम (भारत) शिमला समझौते को लेकर प्रतिबद्ध हैं। अब पाकिस्तान की तरफ से जवाब का इंतजार करते हैं।' उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 के प्रावधानों को खत्म करने से बौखलाए पाक दुनियाभर के सामने इस मुद्दे को उठाया। भारत के अंदरूनी मामले में दखल की कोशिश करते हुए चीन ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का रुख किया, जिसमें शुक्रवार देर रात क्लोज डोर बैठक हुई। जहां भारत ने मजबूती से अपनी पक्ष रखते हुए कहा कि यह हमारे देश का मामला है।
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भारतीय राजदूत ने पाक पत्रकारों की बोलती बंद की - यूएनओ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में अकबरुद्दीन ने पाक पत्रकारों को याद दिलाया शिमला समझौता