उपकप्तान अजिंक्य रहाणे के 81 रनों की शानदार पारी की सहायता से भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के साथ पहले क्रिकेट टेस्ट मैच के पहले दिन का खेल समाप्त होने के समय तक अपनी पहली पारी में छह विकेट पर 203 रन बना लिए थे। दिन का खेल समाप्त होने के समय रिषभ पंत 20 और रविन्द्र जडेजा 3 रनों पर खेल रहे थे। रहाणे भले ही शतक नहीं बना पाए लेकिन उन्होंने अपनी अर्धशतकीय पारी खेलकर शानदार वापसी की। । रहाणे का कहना है कि शतक पूरा नहीं होने से वह निराश नहीं हैं क्योंकि उनकी पारी से टीम संभली और यह ज्यादा अहम है। रहाणे ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, 'जब तक मैं क्रीज पर होता हूं तब तक सिर्फ टीम के बारे में सोचता हूं, मैं स्वार्थी नहीं हूं। तो हां, मुझे शतक नहीं लगाने का कोई दुख नहीं है क्योंकि मुझे लगता है कि इस विकेट पर 81 रनों की पारी भी काफी थी और हम अब इस टेस्ट में ठीकठाक हाल में आ गये हैं।'
शतक बनाना अच्छा होता लेकिन परिस्थिति के अनुसार खेलना ज्यादा मायने रखता है। रहाणे ने कहा, 'जब तक मैं टीम के लिए योगदान कर कर रहा हूं यह ज्यादा मायने रखता है। हां, मैं अपने शतक के बारे में सोच रहा था लेकिन जिस परिस्थिति में 25 रन पर तीन विकेट गिर गये थे उसमें खेलना ज्यादा अहम रहता है।
रहाणे ने गेंद को शरीर के करीब खेलने की तकनीक पर काम किया। इससे सीमिंग विकेट पर उन्हें तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका मिला। उन्होंने कहा, 'जब आप इंग्लैंड में ड्यूक बॉल से खेलते हैं तो आपको शरीर के नजदीक खेलना पड़ता है। मैं नंबर तीन पर बल्लेबाजी कर रहा था और किस्मत से मुझे नई गेंद खेलने को मिल रही थी। उन दो महीनों का मैंने बहुत अच्छा इस्तेमाल किया लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि काउंटी में खेलने का मुझे क्या फायदा हुआ। लेकिन वहां जाकर थोड़ी प्रैक्टिस करना मेरे लिए अच्छा रहा।'
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शतक नहीं बना पाने से निराश नहीं हैं रहाणे पारी संभालने को मानते हैं सबसे जरुरी