विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के पुरुष एकल में भारत के पदक के 36 साल के सूखे को खत्म करने वाले बी साई प्रणीत ने कहा कि जापान के केंटो मोमोता के खिलाफ सेमीफाइनल में उनकी कोशिश फिटनेस पर ध्यान देने की रहेगी। प्रणीत ने 2017 में सिंगापुर ओपन जीता था और वह इस साल के शुरू में स्विस ओपन में उप विजेता रहे थे। इंडोनेशिया के जॉनाटन क्रिस्टी पर सीधे गेम में जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में प्रवेश किया। इस साल अर्जुन पुरस्कार के लिए चुने गए विश्व में 19वें नंबर के प्रणीत ने क्वॉर्टर फाइनल में एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और विश्व में चौथे नंबर पर काबिज जॉनाटन पर 24-22, 21-14 से जीत दर्ज करके इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अपने लिए पदक पक्का किया।
उन्होंने कहा यह जीत शानदार है। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और मैं आज की जीत से खुश हूं। मुझे अभी भी मैच खेलना है। इसलिए मुझे उस पर ध्यान केंद्रित करना होगा और कल के लिए फिट होना होगा। हम पदक के बारे में बाद में बात कर सकते हैं। दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण इस प्रतियोगिता में पुरुष एकल में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे। उन्होंने 1983 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। प्रणीत ने कहा कि सेमीफाइनल में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मोमोता को हराने के लिए उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ खेल खेलना होगा। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि हर कोई उन्हें हराने के तरीके को खोज रहा है। वह विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर है और उन्हें हराना आसान नहीं है। आपको उन्हें दवाब में लाना होगा। देखते है कैसा प्रदर्शन होता है। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा।
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पदक के बारे में सोचने के लिए समय नहीं, फिट रहने पर रहेगा जोर : साई प्रणीत