भारत की महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने के साथ ही इतिहास रच दिया है। सिंधु ने महिला एकल के खिताबी मुकाबले में जापान की नोजोमी ओकुहारा को आसानी से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। सिंधु विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी है। सिंधु ने केवल 36 मिनट में लगातार दो गेम में ओकुहारा को 21-7 21-7 से हरा दिया। इसके साथ ही सिंधु ने इसमें 2017 में ओकुहारा के हाथों मिली हार का हिसाब भी बराबर कर लिया। यह उनका विश्व चैंपियनशिप में पहला स्वर्ण है, जबकि कुल 5वां पदक है। सिंधु ने इससे पहले विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में 2017 और 2018 में रजत और 2013 व 2014 में कांस्य पदक जीता था। भारतीय खिलाड़ी ने 16 मिनट तक चले पहले गेम में जबरदस्त शुरुआत की और लगातार 7 अंक लेते हुए जापानी खिलाड़ी पर 8-1 की बढ़त हासिल कर ली। इस दौरान ओकुहारा नेट पर नाकाम रहीं, जिसका लाभ भी सिंधु को मिला। सिंधु ने यहां दबाव बनाए रखा और जोरदार स्मैश लगाया, जिसका जापानी खिलाड़ी के पास कोई जवाब नहीं था। पहले गेम में ब्रेक के समय उनकी बढ़त 11-2 हो गई। ब्रेक के बाद जब गेम शुरू हुआ तो जापानी शटलर ने वापसी का प्रयास किया पर वह सफल नहीं रहीं। लंबी-लंबी रैलियों के बीच सिंधु ने लगातार 5 अंक लेकर बढ़त 16-2 कर ली। यहां ओकुहारा को 2 अंक जरूर मिले, लेकिन उसमें सिंधु के आउट शॉट की भूमिका रही। इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने कोई मौका नहीं दिया और पहला गेम 21-7 से अपने नाम करते हुए 1-0 की बढ़त ले ली।
दूसरे दौर में भी सिंधु के खेल के सामने ओकुहारा टिक नहीं पायीं और 20 मिनट तक चले इस गेम में शुरुआत तो रोचक रही, लेकिन जल्द ही सिंधु ने बढ़त बनानी शुरू कर दी। देखते ही देखते उनकी बढ़त 11-4 हो गई। ब्रेक के बाद जब गेम शुरू हुआ तो सिंधु ने लगातार 5 पॉइंट लेकर बढ़त 16-4 कर ली। यहां ओकुहारा ने 3 पॉइंट लिए, लेकिन सिंधु ने यह गेम 21-7 से जीतते हुए खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ ही उन्होंने ओकुहारा के खिलाफ जीत हार का अंतर 8-8 से बराकर कर लिया है।
सिंधु ने इस बार अपने अभियान के दौरान जबरदस्त खेल दिखाते हुए सेमीफाइनल में चीन की यू फेइ को 21-7, 21-14 से हराया था। वह लगातार तीसरे साल इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने में सफल रहीं। इसके साथ ही सिंधु ने इस खिलाड़ी के खिलाफ अपने रेकॉर्ड को 6-3 कर लिया। सिंधु ने क्वॉर्टर फाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग को हराकर इस टूर्नामेंट में अपना 5वां पदक पक्का किया था। सिंधु ने इस टूर्नमेंट के पिछले दो संस्करणों में रजत पदक जीते हैं। इससे पहले उन्होंने यहां में दो कांस्य पदक भी जीते हैं। उन्होंने विश्व की नंबर दो जू यिंग को 12-21, 23-21, 21-19 से हराया था। यह मुकाबला कुल 71 मिनट तक चला था। सिंधु ने तीसरे दौर के मुकाबले में अमेरिका की बेईवन झांग को हराया। विश्व की पांचवें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने गुरुवार को 9वीं सीड झांग को 21-14, 21-6 से हराया था। सिंधु ने 34 मिनट में यह मैच समाप्त किया। इस जीत के साथ सिंधु ने झांग के खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 5-3 का कर लिया है।
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सिंधु ने रचा इतिहास, विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय खिताबी मुकाबले में ओकुहारा को हराया