सरकार ने तेल एवं गैस ब्लाकों के आवंटन के नए नियमों को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी 70-30 के अनुपात में राजस्व भागीदारी तथा कार्य प्रतिबद्धता के आधार पर दी गई है। इसके तहत सरकार दो दशक पुरानी तेल एवं गैस क्षेत्रों का आवंटन खोज कार्य की प्रतिबद्धता के हिसाब से करने की ओर लौट गई है जिसके तहत विकसित नहीं हुई खोजों के विपणन और मूल्य तय करने की आजादी दी जाएगी और ओएनजीसी को मौजूदा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को भी जोडऩे की अनुमति होगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आयात घटाने के मकसद से एक पारदर्शी, निवेशक अनुकूल और प्रतिस्पर्धी नीतिगत ढांचे को मंजूरी दी गई। इससे खोज गतिविधियां बढ़ेंगी और तेल एवं गैस उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। कम अनुकूल क्षेत्रों के ब्लॉकों के आवंटन की नई प्रणाली दो साल पुरानी प्रणाली का स्थान लेगी। पुरानी प्रणाली में उन कंपनियों को ब्लॉक दिया जाता था जो सरकार को राजस्व में सबसे अधिक हिस्सेदारी की पेशकश करती थीं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मंत्रिमंडल ने श्रेणी-एक बेसिन में खोज वाले ब्लाकों के आवंटन को मंजूरी दी है जहां हाइड्रोकॉर्बन का उत्पादन पहले ही स्थापित हो चुका है।