पिछले बार टल जाने के बाद एक बार फिर अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में 26 फरवरी को सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में 5 जजों की संवैधानिक बेंच मामले की सुनवाई करेगी। बता दें कि शीर्ष अदालत ने 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई टाल दी थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने पर देश भर के हिंदू संगठनों और साधु-संतों ने काफी विरोध किया था। संत समाज का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट हिन्दुओं की भावना का मान नहीं रख रही है।
बात दे कि इसके पूर्व जस्टिस यू.यू ललित के मामले की सुनवाई से खुद को अलग करने के बाद नए बेंच का गठन किया गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की संवैधानिक बेंच करेगी। 27 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के अडिशनल रजिस्ट्रार लिस्टिंग की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक संवैधानिक बेंच में शामिल जस्टिस एस ए बोबडे के मौजूद नहीं होने के कारण 29 जनवरी की सुनवाई नहीं हो पाई थी।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के 30 सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में 14 अपीलें दायर की गई हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ भूमि को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच समान रूप से विभाजित करने का आदेश दिया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने मई 2011 में हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के साथ ही अयोध्या में विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
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अयोध्या केस: छुट्टी से लौटे जस्टिस बोबडे, सुप्रीम कोर्ट में 26 फरवरी को सुनवाई