उत्तर कोरिया ने ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी पर आरोप लगाया कि वे उसके आत्मरक्षा के लिए हथियारों के आधुनिकीकरण के प्रयासों में बेजा हस्तक्षेप कर रहे हैं। उत्तर कोरिया ने कहा कि उत्तर कोरिया आत्मरक्षा के अधिकार को नहीं छोड़ेगा। प्योंगयांग हथियार रखने के अपने अधिकार को कभी नहीं छोड़ेगा। प्योंगयांग ने कहा कि शांति सुनिश्चित करने के लिए हथियार जरूरी हैं। उत्तर कोरिया की आधिकारिक न्यूज एजेंसी ने किम सोन ग्योंग की ओर से जारी बयान में यह बात कही है। ग्योंग कोरिया-यूरोप एसोसिएशन के सलाहकार हैं। दरअसल अमेरिका के इन तीन महत्वपूर्ण सहयोगियों ने मंगलवार को प्योंगयांग द्वारा उकसावे के लिए बैलिस्टिक मिसाइलों के लगातार परीक्षण की निंदा की थी। इन यूरोपीय देशों का आरोप है कि उत्तर कोरिया संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है।
इन्होंने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से अमेरिका के साथ निरस्त्रीकरण को लेकर हुई बातचीत में प्रगति लाने को कहा। उनका कहना था कि उत्तर कोरिया में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने का यही एकमात्र उपाय है। उत्तर कोरिया ने अपने बयान में कहा राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना तब और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब आपने ऐसे देश देखें हों जिनके भविष्य को पश्चिम शक्तियों ने टुकड़े टुकड़े कर दिया हो।
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शांति के लिए जरूरी हैं हथियार, परीक्षण से पीछे नहीं हटेंगे: प्योंगयांग उत्तर कोरिया