रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्टअप करने के लिए रविवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़ा फैसला लिया जा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेट्रो शहरों में पैंतालिस लाख रुपए तक के घरों को अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में लाया जा सकता है। हांलाकि अभी तक मेट्रो में 30 लाख रुपये तक के घर अफोर्डेबल कैटेगरी में आते हैं। सूत्रों के अनुसार इससे रियल्टी सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। अफोर्डेबल हाउसिंग का दायरा बढ़ाने की तैयारी भी सरकार कर रही है। नॉन मेट्रो में 30 लाख रुपये तक के घर अफोर्डेबल हाउसिंग कैटेगरी में आएंगे। अभी नॉन मेट्रो शहरों में 25 लाख तक के घर अफोर्डेबल हाउसिंग कैटेगरी में आते हैं। आरबीआई की प्रायॉरिटी लेंडिंग गाइडलाइंस को अफोर्डेबल की परिभाषा में शामिल करने का सुझाव दिया जा सकता है। जीओएम का अफोर्डेबल हाउसिंग पर जीएसटी 8 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत करने का सुझाव है। बता दें कि घटे हुए जीएसटी का फायदा सिर्फ नए घर खरीदारों को ही नहीं बल्कि पुराने, बिक चुके अफोर्डेबल घर खरीदारों को भी मिलेगा।