बेलगाड़ी पर बैठकर कलेक्ट्रेट पहुंचा किसान संघ, डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
बोनस, भावांतर और ऋणमाफी का भुगतान न होने पर जताई नाराजगी, भुगतान की मांग
अशोकनगर । किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर बीते दो दिनों धरने पर बैठे किसान संघ द्वार सोमवार को रैली निकालकर डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। कलेक्टर के नाम सौंपे गए इस ज्ञापन में संघ द्वारा बोनस, भावांतर और ऋणमाफी का भुगतान सहित विभिन्न 13 सूत्रीय मांगे रखी गई। उल्लेखनीय है कि भारतीय किसान संघ किसानों की मांगों को लेकर बीते दो दिनों से कृषि मण्डी में धरने पर बैठा हुआ था। धरने के दूसरे दिन भी जब शासन द्वारा संघ की मांगे नहीं मानी तो रविवार को किसान संघ के पदाधिकारियों द्वारा मुंडन कराते हुए सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। जिसके बाद सोमवार की सुबह किसान संघ द्वारा बड़ी संख्या में कृषि मण्डी में एकत्रित होकर रैली निकाली गई। रैली में संघ के पदाधिकारी बैलगाड़ी पर सवार हुए, वहीं कार्यकर्ता बेलगाड़ी के साथ-साथ चलते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंचे। जहां कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया और सरकार को चेतावनी दी गई कि किसानों की मांगे शीघ्र पूरी की जाए, नहीं तो किसान उग्र आंदालन के लिए बाध्य होगें। इस दौरान संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों से साथ बादा खिलाफी कर रही है और अभी तक सभी किसानों की ऋण माफी नहीं किया है। इससे सभी किसानों का कर्ज का ब्याज बढ़ता जा रहा है। वहीं ज्यादा बारिश से फसले नष्ट हो चुकी हैं और अब तक नुकसान का सर्वे भी शुरु नहीं कराया गया। वहीं केन्द्र सरकार पर किसानों को फसलों का लाभकारी मूल्य न देने का भी किसानों ने आरोप लगाया है। इस दौरान संगठन के प्रांतीय सदस्य बलवीरसिंह, पवनकुमार शर्मा, गजरामसिंह यादव, रामकिशन रघुवंशी, शिवराम सिंह, अमरसिंह सहित बड़ी संख्या में किसान संघ के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
-यह हैं किसानों की मुख्य मांगे:
पिछले वर्ष प्रदेश सरकार ने भावांतर भुगतान योजना में सोयाबीन पर 500 रुपए क्विंटल की घोषणा की थी। योजना में जिले के 30 हजार किसानों ने 6 लाख क्विंटल सोयाबीन बेचा था। 500 रुपए क्विंटल से 30 करोड़ रुपए भुगतान होना था, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ। अशोकनगर मंडी में ही योजना में 18818 किसानों ने 415 214 क्विंटल सोयाबीन बेचा था, जिसका 20.76 करोड़ रुपए बकाया है। समर्थन मूल्य खरीदी में प्रदेश सरकार ने गेहूं पर 160 रुपए क्विंटल, चना, मसूर व सरसों पर 100 रुपए क्विंटल बोनस की घोषणा की थी। 8578 किसानों ने 812 873 क्विंटल गेहूं, 1730 किसानों ने 38588 क्विंटल चना, मसूर व सरसों बेची। गेहूं का 160 रुपए क्विंटल से 13 करोड़ 59 हजार 680 रुपए बोनस और चना, मसूर व सरसों का 100 रुपए क्विंटल में 3858800 रुपए बोनस बनता है। किसानों का 13.39 करोड़ रुपए बोनस राशि अब तक नहीं मिली। शासन ने प्रत्येक किसान का दो लाख रुपए तक ऋण माफ करने की घोषणा की थी। इसके लिए जिले के 56 हजार किसानों ने अपने आवेदन किए। अब तक 12071 किसानों का 51 करोड़ 92 लाख 16 हजार 304 रुपए ऋण माफ हुआ, लेकिन अभी जिले के 40 हजार किसान ऋणमाफी के इंतजार में हैं।
-मूंछ कटवाकर जताया विरोध:
रविवार को धरना स्थल पर 11 किसानों ने अपना मुंडन कराकर और पांच किसानों ने इज्जत मानी जाने वाली अपनी 50 साल पुरानी मूंछों को कटवाकर विरोध जताया। किसान संघ के अमानसिंह लोधी ने 40 साल पुरानी मूंछें दुखी मन से कटवा दीं, तो वहीं गजरामसिंह यादव ने 50 साल पुरानी मूंछ कटवा दी। शिवराम सिंह, अमरसिंह और नन्नूलाल अहिरवार ने भी प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी का विरोध मूंछ कटवाकर जताया।
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