कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ने वाली उर्मिला थामेंगी शिवसेना का दामन! मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 से पहले राज्य में कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं का लगातार बीजेपी और शिवसेना में शामिल होने का सिलसिला जारी है। सूत्रों से खबर है कि लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर भी शिवसेना में शामिल होने जा रही हैं। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन बताया जा रहा हैं कि हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाली उर्मिला ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पीए मिलिंद नारवेकर से मुलाकात की है। इस एक एक शिष्टाचार भेंट कहा जा रहा हैं, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले हुई इस मुलाकात को उर्मिला के अगले राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि 10 सितंबर को उर्मिला ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था। उर्मिला ने लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर मुंबई सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था जिसमें वहां हार गईं थी। उर्मिला ने हार के लिए उन्होंने कांग्रेस के ही कुछ नेताओं पर भितरघात का आरोप लगाया था। इस बारे में उन्होंने पार्टी को शिकायती चिट्ठी भी लिखी थी। लेकिन उर्मिला का आरोप था कि कांग्रेस के ही कुछ नेताओं ने उनकी वहां चिट्ठी मीडिया में लीक कर दी है। उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस से इस्तीफा देने का ऐलान करते हुए मीडिया को बयान जारी किया था। उर्मिला का कहना था, 'मैंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.. इस्तीफा देने का खयाल मेरे दिमाग में उसी वक्त आ गया था जब बार बार कोशिशों के बावजूद मेरी 16 मई को लिखी गई चिट्ठी पर तत्कालीन मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने कोई एक्शन नहीं लिया। ना सिर्फ एक्शन नहीं लिया बल्कि मेरी चिट्ठी में लिखी गई गोपनीय बातें मीडिया को भी लीक कर दी गई। ये मेरे विचार में मेरे साथ धोखा था। 'उर्मिला ने लिखा..'मेरे बार बार विरोध के बावजूद किसी को इस बारे में कोई चिंता नहीं थी... इंतिहा तो तब हो गई जब चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए जिन लोगों के नाम मैंने चिट्ठी में लिखे थे.. उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर उन्हें पार्टी ने और बड़ी जिम्मेदारी से उन्हें नवाज़ा। इससे साफ है कि मुंबई कांग्रेस के महत्वपूर्ण पदाधिकारी पार्टी के भले के लिए संगठन में बदलाव लाने के लिए या तो सक्षम ही नहीं है या इसके लिए प्रतिबद्ध नहीं है। उर्मिला ने आगे लिखा था,'मैं लोगों की भलाई के लिए पूरी ईमानदारी और गरिमा के साथ काम करती रहूंगी और अपनी विचारधारा और सोच पर कायम रहूंगी। उर्मिला मातोंडकर की ये चिट्ठी साफ जाहिर करती है कि कांग्रेस में किस कदर आपसी गुटबाजी और भितरघात हावी है। इसी से निराश होकर उर्मिला ने पार्टी छोड़ दी है।