विधायकों सहित कमिश्नर एवं कलेक्टर ने हेलीकॉप्टर से किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना
मुरैना । गांधीसागर डेम के गेट खुलने से राजस्थान के कोटा बैराज में पानी उफान पर आने से चम्बल नदी में पिछले 4 दिनों से 20 लाख क्यूसेक पानी के छोड़ने के कारण चम्बल नदी अभी भी खतरे के निशान से 4.20 मीटर पर बह रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ चम्बल संभाग के तीनों जिले मुरैना, भिण्ड और श्योपुर के चम्बल बाढ़ से प्रभावित पीड़ितों पर नजर रखे हुये है। मंगलवार को उन्होनें मुरैना में हेलीकॉप्टर भेज कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे मुआयना कराया। हेलीकॉप्टर में प्रथम पारी में चम्बल संभाग की कमिश्नर श्रीमती रेनू तिवारी, आई.जी. चम्बल रेन्ज डी.पी. गुप्ता, कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास के साथ मुरैना विधायक रघुराज कंषाना, दिमनी विधायक गिर्राज डण्डोतिया, अम्बाह विधायक कमलेश जाटव, दूसरी पारी में सुमावली विधायक ऐदल सिंह कंषाना, जौरा विधायक बनवारी लाल, सबलगढ़ विधायक बैजनाथ कुशवाह ने (चौपर) हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया। चम्बल संभाग की कमिश्नर श्रीमती रेनू तिवारी ने बताया कि तीनों जिलों में प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है। हवाई सर्वे के दौरान अभी भी मलबसई, किसरौली, कच्छपुरा, आटौली बीलपुर, नीवरी और घेरा गांव पानी से घिरे हुये है। इन गांव में आर्मी एवं सुरक्षा कर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों से बाहर निकाल कर राहत कैम्पों में भेज रहे है। मंगलवार को मुरैना जिले के 30 गांव के 3 हजार लोगों राहत कैम्पों में भेजा गया है। कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने ग्राम पंचायत रतनबसई का भ्रमण करके ग्राम नयावांस, विचपई, चुसलई, इन्द्रजीत का पुरा, रामगढ़ जो पानी से पूरी तरह से घिरे हुये है, के लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर निकाले जा रहे है। इन गांव के कई लोग अपने सामान को छत पर रख कर छत पर बैठे हुये है लेकिन घर छोड़ने के लिये तैयार नहीं है। आर्मी सहित एस.डी.आर.एफ और होमगार्ड की दो वोट लगाई गई है। इन बाढ़ प्रभावित गांव का केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी मुआयना करते हुये सभी प्रभावित लोगों को सुरक्षित गांव से निकलने के निर्देश कलेक्टर को दिये है। मौके पर पुलिस अधीक्षक असित यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
भिण्ड जिले में रेस्क्यू ऑपरेशन द्वारा अभी तक 1900 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कलेक्टर छोटे सिंह पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस बाढ़ की स्थिति पर निगरानी रखे हुये है।
अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार नखनोली ,रमाकोट ,कोषण,नावली वृन्दावन,मुकुटपुरा चौमहो ,कछपुरा ,तरशोखर एवं दिन्नपुरा से लगभग 1900 से ज्यादा लोगो को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है । रेस्क्यू किये गए 900 से ज्यादा व्यक्तियों को जिला प्रशासन द्वारा बनाये गए राहत शिविरों में पहुँचा दिया गया है। वाकी बचे लोग अपने रिश्तेदारों एवं मिलने वालों के यहां सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं । जिला प्रशासन ,होमगॉर्ड , सेना एवं एसडीआरएफ द्वारा लगातार लोगो को रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया जा रहा है। कलेक्टर भिण्ड छोटे सिंह एवं पुलिस अधीक्षक रुडोल्फ अल्वारेस बाढ़ की स्थिति पर कड़ी निगरानी बनाये रखे हुये है। कलेक्टर एवं एसपी बाढ़ प्रभावित स्थानों पर चलाए जा रहे रेस्क्यू आपरेशन पर उपस्थित रह कर स्थिति पर अपनी पकड़ बनाये हुए है साथ ही राहत शिविरों में सभी व्यवस्था पूर्ण रहे इसकी भी निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा रोशनलाल दैपुरिया महाविद्यालय सुरपुरा, हाईस्कूल विण्डवा ,आईटीआई अटेर, मघेरा, हाईस्कूल रमाकोट में बनाये गये राहत शिविरों में लाये गए व्यक्तियों हेतु खाने, पीने के इन्तजाम खाद्य विभाग द्वारा किए जा रहे हैं। सभी राहत शिविरों पर मेडिकल टीमें सम्पूर्ण व्यवस्था के साथ तैनात है । पशुओं के ईलाज हेतु पशु चिकित्सक तैनात किये गये है। कलेक्टर छोटे सिंह ने सभी शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छुट्टियाँ तत्काल प्रभाव से निरस्त कर सभी को कार्य पर लौटने का आदेश जारी कर दिया है । इसी के साथ आपदा प्रबंधन से जुड़े कर्मचारी, अधिकारी पूरी तरह से सहयोग कर रहे है। इसी तरह होमगार्ड की नाव, बोट सहित सुरक्षा प्रबंध के संस्थान उपलब्ध कराये गये हैं जल संसाधन, सेतु विकास निगम के सुरक्षा अधिकारी राजस्व का पूरा अमला इस मुहिम में लगा हुआ है। लगातार मोबाइल, दूरभाष सहित वायरलैस से अधिकारी सम्पर्क में बने हुये है। श्योपुर कलेक्टर बसंत कुर्रे ने बताया कि चंबल नदी के सीमावर्ती क्षेत्रों में ग्रामीणों को बाहर निकालने के लिए प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने कड़ी मेहनत की थी। इस कार्य के लिए आर्मी हेडक्वाटर से सेना बुलाई गई, जिसमें सेना ने चंबल नदी में आई बाढ में अपना सक्रिय सहयोग देकर जल से घिरे हुए सामरसा के ग्रामीणों को साहस पूर्वक ऊंचे स्थान पर लाने की कार्यवाईयों को अंतिम रूप दिया। उन्होंने बताया कि चंबल नदी में पानी का प्रवाह कम होने के कारण सेना का कार्य पूर्ण हुआ है। सेना के प्रति रेस्क्यू के दौरान ग्रामीणों में अपार उत्साह परिलक्षित हो रहा था। कलेक्टर ने राज्य शासन की ओर से सेना द्वारा किए गए कार्य के लिए बधाई दी।
पुलिस अधीक्षक नगेन्द्र सिंह ने बताया श्योपुर जिले की चंबल नदी के सामरसा, दांतरदा क्षेत्र में सेना सीधी ग्रामीणों को निकालने के लिए उतर गई। सेना ने प्री-एक्शन के लिए कार्यवाही प्रारंभ की। साथ ही रेस्क्यू के माध्यम से सामरसा के लोगों को भरे हुए पानी में से बाहर निकाला। सेना के द्वारा किए गए कार्य के प्रति ग्रामीणों में उत्साह था। उनको आशा थी कि, अब सेना आ गई है। इसलिए हमारी जान बच जावेगी। एसपी ने सेना के अप्रिय स्थिति में तत्काल कार्यवाईयों को अंजाम देने के प्रति बधाई दी।
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विधायकों सहित कमिश्नर एवं कलेक्टर ने हेलीकॉप्टर से किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना