जिंदगी जिस रुप मिले, स्वीकारना पडता है: जेनेलिया
-एक्टिंग कॅरियर छोडकर परिवार को समर्पित कर दिया जीवन
मुंबई । जिंदगी जिस रूप में आती है उसे उसी तरह से स्वीकार करना पड़ता हैऔर शायद यही इसकी खूबसूरती। यह कहना है अभिनेत्री जेनेलिया डिसूजा देशमुख का। जेनेलिया देशमुख जिंदगी की अनिश्चिता की सराहना करती हैं। उनका कहना है, "जिस पल आप यह सोचने लगते हैं कि आपको सब पता है, उसी पल जिंदगी आपको बताती हैं कि वास्तव में आप कुछ भी नहीं जानते हैं। एक इंसान के रूप में यह आपको उस कड़वी सच्चाई से रूबरू कराती है।" जेनेलिया ने बिना किसी अफसोस के अपने एक्टिंग करियर की चकाचौंध को छोड़कर अपना पूरा वक्त अपने परिवार को समर्पित कर दिया। हालांकि अब जेनेलिया हिंदी फिल्मों में लौटने की योजना बना रही हैं और इस वक्त वह स्क्रिप्ट को फाइनल करने की प्रक्रिया में लगी हैं।जेनेलिया, पिछले साल रितेश की मराठी फिल्म 'मौली' में एक छोटे से किरदार में नजर आई थीं। यह एक होली स्पेशल ट्रैक था जिसमें ये दोनों साथ नजर आए थे। जेनेलिया ने आखिर में कहा, "काम पर वापस लौटना और अपने बारे में कुछ नया खोजना काफी अच्छा रहा। मेरे लिए उम्र महज एक नंबर है। उम्र बढ़ना भी एक अच्छी बात है।" जेनेलिया ने बताया, "मैं खुश हूं कि मैं जिंदगी के कई सारे चरणों में से होकर गुजरी। कभी मैं बहुत महत्वाकांक्षी थी जिसके लिए फिल्में ही उसकी दुनिया थी, तो उसके बाद शादी कर बच्चों को संभालना और अब वापस फिल्मों में लौटना।" जेनेलिया ने रितेश देशमुख के साथ 'तेरे नाल लव हो गया', 'तुझे मेरी कसम' और 'मस्ती' जैसी फिल्मों में काम किया जिसके बाद दोनों ने साल 2012 में शादी कर ली। रितेश और जेनेलिया के दो बेटे हैं जिनके नाम रियान और राहिल हैं। जेनेलिया ने कहा, "मां बनना मेरे साथ हुई सबसे बेहतरीन चीज है और अपने बच्चों व रितेश के साथ रहना मेरे दिन को परफेक्ट बनाता है।"
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जिंदगी जिस रुप मिले, स्वीकारना पडता है: जेनेलिया