हिन्दी पर अमित शाह की सफाई के बाद टीएमके नरम, प्रदर्शन रोका
चेन्नई । देश की राष्ट्रभाषा हिंदी को लेकर दक्षिण भारत में सियासी पारा चढ़ जाता है। हिंदी भाषा के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के स्पष्टीकरण के बाद द्रमुक ने जीत का दावा करते हुए इस मुद्दे पर 20 सितंबर को पार्टी का प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। शाह ने कहा कि उन्होंने देश में कहीं भी हिंदी थोपने की बात कभी नहीं की है। उनके इस बयान का हवाला देते हुए द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि 20 सितंबर को प्रस्तावित प्रदर्शन अस्थाई रूप से स्थगित कर दिये गये हैं। द्रमुक अध्यक्ष ने यहां संवाददाताओं से कहा कि शाह ने यह भी कहा है कि उनके विचारों को गलत तरीके से समझा गया।
स्टालिन ने पार्टी द्वारा आंदोलन की घोषणा करने के दो दिनों बाद पत्रकारों से कहा कि हम पार्टी के प्रदर्शन की घोषणा के बाद उनके (शाह) स्पष्टीकरण को द्रमुक के लिए बड़ी जीत मानते हैं। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हिंदी थोपी जाती है तो द्रमुक हर समय इसका विरोध करेगी। हिंदी पर अपने बयान से उठे विवाद को शांत करने का प्रयास करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने बुधवार को रांची में एक कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने देश में कहीं भी हिंदी थोपने की बात कभी नहीं की बल्कि दूसरी भाषा के तौर पर इसके इस्तेमाल की वकालत की।
शाह ने कहा कि वह लगातार क्षेत्रीय भाषाओं को मजबूत करने की वकालत कर रहे हैं। इस बीच, सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने कहा कि उसने शाह के बयान को कभी गलत नहीं समझा और उसने द्रमुक पर इसकी गलत व्याख्या करने और राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। अन्नाद्रमुक के प्रवक्ता आर एम बाबू मुरुगावेल ने कहा कि भाषा एक नस्ल, संस्कृति और परंपरा की पहचान है। हम हिंदी थोपना या किसी भी भाषा को थोपना कभी स्वीकार नहीं करेंगे। हमने कभी गृह मंत्री शाह के विचारों को गलत नहीं समझा। द्रमुक द्वारा प्रदर्शन स्थगित करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना मुंह काला करा लिया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के एस अलागिरी ने दावा किया कि केंद्र तमिलनाडु में पार्टियों के प्रदर्शन के आह्वान से ‘डर’ गई और इसलिए उसने राज्यपाल के कार्यालय का इस्तेमाल कर कहा कि हिंदी नहीं थोपी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह हमारे गठबंधन की जीत है। इससे पहले स्टालिन ने राजभवन में तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात की। स्टालिन ने कहा कि पुरोहित ने उनसे कहा कि हिंदी थोपी नहीं जाएगी। द्रमुक अध्यक्ष ने बताया कि जब उन्होंने पुरोहित से पूछा कि क्या केंद्र सरकार इस बारे में कुछ कहेगी, इस पर पुरोहित ने कहा कि वह केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं।
नेशन रीजनल नार्थ
हिन्दी पर अमित शाह की सफाई के बाद टीएमके नरम, प्रदर्शन रोका