अभिनंदन की भूमिका निभाना चाहता हूं : ताहिर
अभिनेता ताहिर राज भसीन इन दिनों फिल्म 'छिछोरे' में डेरेक की भूमिका को लेकर चर्चाओं में हैं। वहीं अगली फिल्म '83' में वह महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर की भूमिका निभाएंगे। ताहिर का सपना विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की बायॉपिक करना हैं। ताहिर ने कहा, ‘मेरे पिता और दादा जी दोनों एयरफोर्स में थे। दोनों फाइटर पायलट्स थे, तो अभी मैं कोई बायॉपिक करने की सोचता हूं, तो मेरे जेहन में फाइटर पायलट अभिनंदन का नाम आता है। अगर उन पर कोई बायॉपिक बने और मुझे वह भूमिका करने को मिले, तो वह मैं अवश्य करना चाहूंगा।’
फिल्म 'मर्दानी' में अपनी नकारात्मक भूमिका से चर्चा में आए ताहिर के फिल्मी करियर में खेलों से गहरा नाता रहा है। 'छिछोरे' और '83' से पहले वह फिल्म 'काय पो चे' में भी क्रिकेटर की भूमिका में नजर आये थे। इस अभिनेता ने कहा , ‘ 'काय पो चे' में मैंने सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाई है जबकि '83' में मैं सुनील गावस्कर सर की भूमिका निभा रहा हूं, जो विश्व कप के शुरुआती बल्लेबाज थे। इसी तरह, 'काय पो चे' के बाद 'छिछोरे' में भी मेरे साथ सुशांत सिंह राजपूत थे, तो फिल्म के दौरान हमने इस बारे में बात भी की हालांकि, 'छिछोरे' को मैं स्पोर्ट्स फिल्म नहीं मानता। मेरे हिसाब से वह एक कॉलेज ड्रामा है, जिसमें खेल एक अहम हिस्सा है।’ डेरेक की भूमिका के लिए की गई तैयारियों के बारे में ताहिर ने कहा, ‘डेरेक जिस लेवल का ऐथलीट है, असल जिंदगी में मैं वैसा नहीं हूं। 4 महीने बाकायदा नैशनल लेवल के कोचेज से ऐथलेटिक्स, फुटबॉल और कबड्डी तीनों सीखा।’
ताहिर फिल्म '83' में अभिनेता रणवीर सिंह और निर्देशक कबीर खान के साथ काम के अनुभव को लेकर भी बताया है। ताहिर ने कहा, ‘रणवीर की उर्जा की जितनी भी तारीफ की जाए। वह अपनी हर फिल्म में इतनी एनर्जी डालता है, जैसे वह उसकी पहली फिल्म है। उसे देखकर मैं बहुत मोटिवेटेड फील करता हूं। वह हर फिल्म के साथ बेहतर होने की कोशिश करता है। वहीं, कबीर सर डॉक्यूमेंट्री के स्कूल से आते हैं, तो ऑथेंटिसिटी पर उनका बहुत ध्यान होता है। हर चीज को वह बहुत बारीकी से देखते हैं और जहां तक हो पाए जैसा सीन लिखा गया है, वह कोशिश करते हैं कि ऑडियंस को वह रियल फील आए।’
वहीं, '83' में सुनील गावस्कर के रोल और उसकी तैयारियों के बारे में ताहिर ने बताया, ‘83 में हम भारत के एक ऐतिहासिक पल के किस्से सुना रहे हैं। वे फैक्ट्स हैं, जो बदले नहीं जा सकते हैँ, तो उन पलों को जीना और सुनील गावस्कर जैसे लेजेंड की भूमिका निभाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इसके लिए हमने 6 महीने क्रिकेट कैंप किया, जिसमें विश्वकप के टीम मेंबर बलविंदर सिंह संधु ने हमें कोचिंग दी। फिर, क्रिकेट खेलना एक बात है, क्रिकेट कोरियॉग्रफी दूसरी चीज है। मैंने सुनील गावस्कर जी के विडियोज देख-देखकर उनकी तरह क्रिकेट खेलना सीखा है कि वे किस अंदाज से क्रिकेट फील्ड पर चलते हैं, उनका क्या ऐटीट्यूड था। लंदन में शूटिंग के दौरान गावस्कर सर खुद सेट पर आए थे। कई घंटे हमारी चर्चा हुई। फील्ड पर उनकी चाल बहुत मशहूर थी। मैंने उनसे पूछा था कि ऐसे छाती चौड़ी करके, स्वैग के साथ चलने की क्या वजह थी? तो उन्होंने बताया कि जब आप इंडिया के लिए ओपन कर रहे हैं और सामने वेस्ट इंडीज की टीम है, जिसके खिलाड़ी 6 फुट 4 इंच के हैं। जबकि, मेरा कद 5 फुट 4 इंच था, तो अपनी चाल और एटीट्यूट में आत्मविश्वास को दिखाना बहुत जरूरी था। यह मेरे लिए क्रिकेट और लाइफ दोनों के लिए सीख थी।’