गाय के गोबर से बनी लकड़ी से होगा अब दाह संस्कार
उल्हासनगर,। उल्हासनगर शायद महाराष्ट्र ही नहीं देश का पहला ऐसा शहर होगा जहां गाय के गोबर से बनी लकड़ी से शव का दाह संस्कार होगा. जी हाँ यह महत्वकांक्षी योजना धनगुरु नानक दरबार ने शुरू की है. मान्यता है कि जहां गाय के गोबर से बने कंडे एक तरफ हिंदू संस्कृति के अनुसार मृतक को मुक्ति प्रदान करेंगे वहीं दाह संस्कार नि:शुल्क होने से मृतक के परिजनों को आर्थिक राहत भी मिलेगी. तीसरा सबसे बड़ा महत्वपूर्ण फायदा यह है कि पेड़ नहीं कटेंगे तथा पर्यावरण को दूषित होने से रोका जा सकेगा. मुंबई से सटे उल्हासनगर में यदि देखा जाय तो झूलेलाल मंदिर, आर्य समाज विद्यालय, सत्यनारायण मंदिर, स्वामी धरमदास दरबार, धनगुरु नानक दरबार, स्वामी शांति प्रकाश प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, स्वामी शांति प्रकाश आश्रम के अलावा कई जगह गोशाला हैं, जहां पर हजारों गायें हैं. उल्हासनगर में गोशाला से इतनी बड़ी मात्रा में गोबर निकलता है कि उसे फेंकने का इंतजाम करना कठिन काम हो गया है. कुछ गोबर किसान खेत में डालने के लिए ले जाते हैं लेकिन बचा हुआ गोबर नालों में फेंकना पड़ता है इससे नाला जाम होता है. इस समस्या से निजात दिलाने की संत बाबा थाहिरिया सिंह दरबार के गादीसर भाई जसकीरत सिंह तथा त्रिलोक सिंह ने एक अच्छी तरकीब सोची कि क्यों न गाय के गोबर को सदुपयोग में लाने के इरादे से इससे कंडे बना कर उससे शव का दाह संस्कार? आखिरकार गोबर से कंडे की योजना बनाई गई. इस योजना का श्रीगणेश बुधवार को उल्हासनगर में शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे के हाथों उद्घाटन कर किया गया. धनगुरु नानक दरबार की इस योजना की जोरदार सराहना हो रही है. इस योजना का अब उल्हासनगर के सभी गोशाला के लोग प्रयोग कर उल्हासनगर के चारों श्मशान में आनेवाले शवों, उनके परिजनों तथा उल्हासनगर मनपा के सफाई विभाग के अलावा पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी.
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गाय के गोबर से बनी लकड़ी से होगा अब दाह संस्कार