मुंबई में जर्जर हो रही इमारतें चिंता का विषय, अब तक सैकड़ों लोग बेघर
- ७ महीने में ६२२ घटनाएं, ५१ लोगों की मौत, २२७ घायल
मुंबई, । देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में जर्जर हो रही इमारतें एक बड़ी चिंता का विषय है. खासकर मॉनसून के समय में दक्षिण मुंबई की इमारतों के बार-बार ढहने से वहां के मकान मलबे में तब्दील होने लगे हैं. इमारतों के ढ़हने से दक्षिण मुंबई के लोगों में दहशत छाई हुई है. बता दें कि शुक्रवार को दक्षिण मुंबई के फोर्ट इलाके में मुंबई पुलिस आयुक्त के ऑफिस के सामने लोकमान्य तिलक मार्ग पर स्थित एक 4 मंजिला इमारत ढह गई. इस हादसे के करीब एक घंटे बाद ही भिंडी बाजार में तीन मंजिला मुबारक नामक इमारत के पीछे कुछ हिस्सा ढह गया. फोर्ट हादसे में करीब पांच लोग घायल हो गए थे जिन्हें इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि भिंडी बाजार इमारत हादसे में वहां फंसे लोगों को दमकल विभाग ने सुरक्षित बाहर निकाला. इन हादसों के करीब १० दिन पहले ही पुलिस आयुक्तालय कार्यालय से थोड़ी दूरी पर ही इसी तरह इमारत का पीछे का पूरा हिस्सा ढह गया था. इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. लगातार हो रहे हादसों से दक्षिण मुंबई की पुरानी इमारतों में रहनेवाले लोगों के बीच दहशत व्याप्त है. इससे पहले १६ जुलाई को डोंगरी की केसरबाई इमारत ढह गई थी, जिसमें मृतकों की संख्या १४ थी और घायलों की संख्या ८ थी. मनपा के दमकल विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक दमकल विभाग के पास रोजाना किसी इमारत में दरार पड़ने या ढह जाने का एक कॉल आता है. मुंबई में पिछले सात महीने में इमारत और उसके हिस्से ढहने की ६२२ से अधिक घटनाएं घटी हैं जिसमें ५१ लोगों की मौत हुई है और २२७ लोग घायल हुए हैं. मुंबई में ५० सालों से पुरानी १४ हजार इमारतें हैं जो कि पुरानी और मरम्मत नहीं होने के कारण कभी भी ढह सकती है. ऐसे में मुंबई के लोगों को बेघर होने का डर सता रहा है. एक-एक इमारतें ढहने से अब तक सैकड़ों लोग बेघर हो चुके हैं.
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मुंबई में जर्जर हो रही इमारतें चिंता का विषय, अब तक सैकड़ों लोग बेघर - ७ महीने में ६२२ घटनाएं, ५१ लोगों की मौत, २२७ घायल