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नियमित चाय पीने से बुढापे में भी दिमाग रहता है सक्रिय -मतिष्क के ढांचे पर होता है सकारात्मक असर

नियमित चाय पीने से बुढापे में भी दिमाग रहता है सक्रिय  -मतिष्क के ढांचे पर होता है सकारात्मक असर

नियमित चाय पीने से बुढापे में भी दिमाग रहता है सक्रिय 
-मतिष्क के ढांचे पर होता है सकारात्मक असर 
सिंगापुर । नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के सहायक प्राध्यापक एवं टीम लीडर फेंग लेई ने कहा, हमारे परिणाम मस्तिष्क के ढांचे पर चाय पीने से पड़ने वाले सरकारात्मक योगदान की पहली बार पुष्टि करते हैं और यह दर्शाते हैं कि नियमित रूप से चाय पीना दिमागी तंत्र में उम्र के कारण आने वाली गिरावट से भी बचाता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि पूर्व के अध्ययनों में दर्शाया गया है कि चाय पीना मानव सेहत के लिए लाभकारी है और इसके सकारात्मक प्रभावों में मिजाज में सुधार होना और ह्रदय एवं नसों संबंधी बीमारी से बचाना शामिल है। यह अध्ययन 2015 से लेकर 2018 के बीच 60 साल और उससे अधिक उम्र वाले 36 बुजुर्गों पर किया गया जिसमें उनकी सेहत, जीवनशैली और मनोवैज्ञानिक सेहत संबंधी डेटा जुटाया गया। प्रतिभागियों के संज्ञानात्मक प्रदर्शन और ईमेजिंग से आए परिणामों के आकलन दिखाते हैं कि जो लोग करीब 25 साल तक हफ्ते में कम से कम चार बार ग्रीन टी, उलूंग टी या ब्लैक टी पीते हैं, उनके दिमाग के हिस्से ज्यादा प्रभावी ढंग से एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। नियमित रूप से चाय पीने वाले लोगों के दिमाग का प्रत्येक हिस्सा चाय नहीं पीने वालों की तुलना में बेहतर ढंग से संगठित होता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। दिमाग के प्रत्येक हिस्से का व्यवस्थित रहना स्वस्थ संज्ञानात्मक क्रिया से जुड़ा हुआ है। इन परिणामों तक पहुंचने के लिए अध्ययन में 36 उम्रदराज लोगों के न्यूरोइमेजिंग डेटा को खंगाला गया। डेटा के मुताबिक, नियमित रूप से चाय पीने वाले लोगों के दिमाग का प्रत्येक हिस्सा चाय नहीं पीने वालों की तुलना में बेहतर ढंग से संगठित होता है। दिमाग के प्रत्येक हिस्से का व्यवस्थित रहना स्वस्थ संज्ञानात्मक क्रिया से जुड़ा हुआ है। 
 

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