बच्चों को टाइफाइड से बचायें
बारिश के कारण आजकल सभी जगह जलभराव है ऐसे में संक्रामण रोगों का खतरा बच्चों को बना रहता है। इसी में एक
टाइफाइड है। इसे मियादी बुखार भी कहा जाता है, यह एक निश्चित समय के लिए होता है यह किसी संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से दूषित वायु और जल से होता है। टाइफाइड से पीड़ित बच्चे में प्रतिदिन बुखार होता है, जो हर दिन कम होने की बजाय बढ़ता रहता है। बच्चों में टाइफाइड बुखार संक्रमित खाद्य पदार्थ और संक्रमित पानी से होता है |
टाइफाइड जिसे मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता है, एक संक्रामक बीमारी है जो की लिवर से सम्बंधित है। हर साल तक़रीबन 2 लाख से ज्यादा लोग टाइफाइड की बीमारी के कारण जान गवाते है। टाइफाइड की बीमारी मैं लिवर ठीक तरह से काम नही करता जिसकी वजह से शरीर में बुखार हो जाता है और पुरे शरीर में दर्द होने लगता है। अगर सही समय पर ध्यान ने दिया जाये तो टाइफाइड जानलेवा भी हो सकता है। समय के अंदर इसका इलाज ने किया जाये तो बच्चे की जान तक जा सकती है।
बच्चों में टाइफाइड के लक्षण
टाइफाइड के लक्षणों को जानना बहुत जरुरी है क्यूंकि समय रहते टाइफाइड के लक्षणों को पहचान लिए जाये तो समय से टाइफाइड से ग्रसित बच्चे का उचित इलाज किया जा सकता है।
टाइफाइड से पीड़ित बच्चे में प्रतिदिन बुखार होता है, जो हर दिन कम होने की बजाय बढ़ता रहता है।
अत्यधिक कमज़ोरी और थकान महसूस होना।
सिर में दर्द होना।
पेट में दर्द और भूख न लगना।
छाती पर गुलाबी निशान होना।
दस्त आना।
लिवर का बढ़ जाना।
पेट में अल्सर की संभावना।
कभी-कभी रोगी बच्चे को चपटे चकत्ते भी पड़ जाते हैं।
सूखी खाँसी आना।
जीभ पर मोटी परत जम जाना। इन लक्षणों के नजर आने के बाद देर नहीं करनी चाहिए। चिकित्सक को दिखाएं और इलाज करवाना आवश्यक हो जाता है, ताकि बच्चा स्वस्थ हो सके।
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