हाईकोर्ट की खंडपीठ से आसाराम को मिली मामूली राहत
जोधपुर । यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को सोमवार को एक बार फिर राजस्थान हाईकोर्ट से झटका मिला है। दरअसल, जस्टिस संदीप मेहता व जस्टिस वीके माथुर की खंडपीठ ने आसाराम की दूसरी सजा स्थगन याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं, आसाराम को कोर्ट नेमामूली राहत देते हुए पहले से चल रही सजा के खिलाफ अपील के मामले में जनवरी में सुनवाई की तारीख तय की है। खंडपीठ ने मुंबई से आए वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीऐश गुप्ते द्वारा आसाराम की दूसरी सजा स्थगन याचिका को खारिज कर दिया। जिसके बाद अधिवक्ता गुप्ते ने कोर्ट से गुहार करते हुए कहा कि आसाराम की सजा के खिलाफ अपील पर जल्द सुनवाई हो। इस पर खंडपीठ ने मामूली राहत देते हुए आगामी जनवरी के दूसरे सप्ताह में आसाराम की सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई के लिए तारीख मुकर्रर की है। जिस के बाद सोमवार को सुनवाई के दौरान आसाराम के अधिवक्ता ने पीड़िता की उम्र को लेकर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा-12 पर बहस करते हुए सुप्रीम कोर्ट की न्यायिक नजीर पेश की। इसके अलावा पीड़िता द्वारा विलंब से एफआईआर दर्ज करवाने को लेकर भी बहस की, लेकिन आसाराम को खंडपीठ से राहत नहीं मिल पाई। गौरतलब है कि आसाराम को 1 अक्टूबर, 2013 को जोधपुर पुलिस मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम से गिरफ्तार किया था। उसके बाद आसाराम के मामले में लगातार सुनवाई के बाद एसी-एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने 25 अप्रैल, 2018 को सजा सुनाई थी। कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके बाद आसाराम ने अधीनस्थ न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सभी न्यायालयों में जमानत के प्रयास किए, परंतु कहीं भी सफलता हाथ नहीं लगी। अब आसाराम की आशाएं जनवरी में होने वाली सजा के खिलाफ अपील की सुनवाई पर टिकी है।
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