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इमरान खान का आतंकवाद पर सबसे बड़ा कबूलनामा अलकायदा को आईएसआई ने किया था ट्रेंड

इमरान खान का आतंकवाद पर सबसे बड़ा कबूलनामा अलकायदा को आईएसआई ने किया था ट्रेंड

इमरान खान का आतंकवाद पर सबसे बड़ा कबूलनामा
अलकायदा को आईएसआई ने किया था ट्रेंड
न्यू यॉर्क । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने माना कि खूंखार आतंकी संगठन अल कायदा की ट्रेनिंग उनके ही देश में हुई थी। यह आतंकवाद पर पाकिस्तान के सबसे बड़े कबूलनामों में एक है। ओसाम बिन लादेन के नेतृत्व वाले आतंकवादी संगठन अल कायदा ने ही 9/11 जैसी भयावह आतकंवादी वारदात को अंजाम दिया था। अमेरिकी थिंक टैंक काउंसल ऑन फॉरन रिलेशंस (सीएफआर) में इमरान ने कहा कि 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका के वल्र्ड ट्रेड सेंटर पर हमले से पहले अल कायदा के आतंकवादियों को पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई ने ट्रेनिंग दी थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार ने 9/11 की विनाशकारी वारदात के बाद उन आतंकी समूहों के प्रति अपनी नीति बदल ली, लेकिन पाकिस्तानी आर्मी बदलना नहीं चाहती थी। इमरान से पूछा गया था कि अल कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन की ऐबटाबाद में मौजूदगी और यूएस नेवी सील्स के हाथों मारे जाने की घटना की पाकिस्तान की सरकार ने जांच क्यों नहीं कराई? इस पर इमरान ने कहा, हमने जांच की थी, लेकिन मैं कहूंगा कि पाकिस्तान आर्मी, आईएसआई ने 9/11 से पहले अल कायदा को ट्रेंड किया था। इसलिए, हमेशा लिंक जुड़ते रहे। आर्मी में कई ओहदेदार 9/11 के बाद बदली नीति से सहमत नहीं हुए।
तीन महीने में इमरान का दूसरा बड़ा कबूलनामा
अल कायदा और इसके चीफ ओसामा बिन लादेन पर पाकिस्तान की ओर से पिछले तीन महीने में यह दूसरा बड़ा कबूलनामा है। खान ने जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को ओसामा की मौजूदगी का पता था। पाकिस्तान के पीएम ने कहा था कि वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने सीआईए को ओसामा के बारे में बताया था। उसी जानकारी के आधार पर अमेरिका ने उसे ढूंढकर मार गिराया। ओसामा को अमेरिका ने 2 मई, 2011 की आधी रात को बेहद गुप्त ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान में घुसकर मारा था।
आईएसआई ने मुसलमानों क बनाया आतंकी
ट्रंप की ओर इशारा करते हुए इमरान ने कहा कि वर्ल्ड लीडर यह नहीं समझते हैं कि पाकिस्तान में कट्टरता कैसे आई। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने 1980 में अमेरिका की मदद से सोवियत संघ के खिलाफ जेहाद छेड़ा था। उन्होंने कहा, अमेरिका की मदद से आईएसआई ने दुनियाभर के मुस्लिम देशों से आतंकियों को बुलाकर ट्रेनिंग दी ताकि वे सोवियत यूनियन के खिलाफ जेहाद कर सकें। इमरान ने कहा तब अमेरिकी राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन ने उन्हें वॉशिंगटन बुलाया और उनकी शान में कसीदे पढ़े थे।

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