देश में निजी क्षेत्र की शीर्ष बैंक आईसीआईसीआई की पूर्व प्रमुख (सीईओ) चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के मैनेजिंग डायरेक्टर वेणुगोपाल धूत के खिलाफ सीबीआई ने लुकआउट नोटिस जारी किया है। पिछले महीने जांच एजेंसी ने साल 2009 से 2011 के बीच वीडियोकॉन ग्रुप को बैंक से 1,875 करोड़ के छह लोन में कथित तौर पर भ्रष्टाचार के सिलसिले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद तीनों देश से बाहर नहीं जा सकेंगे। एक अधिकारी ने बताया, सीबीआई के पिछले साल प्रीलिमनरी इंक्वायरी की रिपोर्ट फाइल करने के बाद दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ सभी एयरपोर्ट को लुकआउट सर्कुलर की जानकारी दी गई थी। अब इसे फिर से रिवाइव किया गया है। हालांकि, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख के खिलाफ पहली बार लुकआउट नोटिस (एलओसी) जारी किया गया है। सीबीआई की तरफ से 22 जनवरी को दर्ज एफआईआर में उनका नाम था, इसलिए उन्हें भी इसके दायरे में लाने का फैसला किया गया है।
इस खबर पर चंदा कोचर और धूत की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, एफआईआर के बाद लुकआउट नोटिस फाइल किए गए थे। इस केस में जिस तरह के आर्थिक अपराध के आरोप लगे हैं, उनमें एलओसी किया जाना लाजिमी है। हाल में आरोपियों के ट्रैवल प्लान पर नजर रखना रेगुलेटर्स की प्राथमिकता में शामिल रहा है। वहीं, इस केस से वाकिफ एक वकील ने बताया कि सीबीआई को लुकआउट सर्कुलर जारी करने की जरूरत नहीं थी क्योंकि चंदा कोचर का आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व सीईओ के तौर पर ऊंचा प्रोफाइल रहा है। उन्होंने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, पहले जो लोग गंभीर आर्थिक अपराध के आरोप के बाद देश से फरार हो गए थे, उनके साथ चंदा कोचर का नाम जोड़ना ठीक नहीं होगा। वह फाइनैंशल सर्किल में जानी-मानी हस्ती हैं। उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, उनमें से अभी तक एक भी सही साबित नहीं हुआ है। पिछले कुछ साल में नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी जैसे गंभीर आर्थिक अपराध के आरोपी देश से फरार हो गए थे।
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आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर के खिलाफ सीबीआई ने जारी किया लुकआउट नोटिस