मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर ईओडब्ल्यू का शिकंजा कसता जा रहा है। दरअसल प्रदेश के पू्र्व सीएम श्री सिंह पर आरकेडीएफ कॉलेज प्रबंधन को आर्थिक लाभ पहुंचाने का आरोप है। इस मामले में
जिला अदालत ने 11 मार्च तक ईओडब्ल्यू को जांच रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देंश दिए हैं। फरियादी राधावल्लभ शारदा की ओर से वकील यावर खान द्वारा पेश एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए न्यायाघीश अपूर्वा ताम्रकार की अदालत ने पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को इस मामले में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि यदि जांच प्रतिवेदन पेश नहीं किया गया तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जाएगा। फरियादी की तरफ से आर परशुराम,राजा पटेरिया और दिग्विजय सिंह के खिलाफ कोर्ट में याचिका पेश की गई।
फरियादी के मुताबिक आरोपियों ने आरकेडीएफ कॉलेज प्रबंधन को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा किए गए 25 लाख रुपए के जुर्माने को पांच गुना कम कर दिया था। इसके खिलाफ ईओडब्ल्यू ने अपराध क्रमांक 35/15 दर्ज किया था। अदालत ने 21 अप्रैल 2015 व तीन जुलाई 2015 को ईओडब्ल्यू से जांच कर प्रतिवेदन मांगा था। अदालत के बार-बार आदेश के बाद भी प्रतिवेदन कोर्ट में पेश नहीं किया। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को लिखे पत्र में कहा है कि कोर्ट में चल रहे इस मामले में आपके द्वारा की गई कार्यवाही के संबंध में न्यायालय के कई आदेश के बाद भी प्रतिवेदन पेश नही किया है। न्यायालय के निर्देश को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसलिए, आपको आदेशित किया जाता है कि अपराध क्रमांक 35/15 के संबंध में की गई कार्यवाही की रिपोर्ट इस न्यायालय के समक्ष 11 मार्च तक आवश्यक रूप से पेश करें अन्यथा इसे न्यायालय की अवमानना माना जाएगा और कानून के हिसाब से आगामी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में जिला अदालत ने समयसीमा में ईओडब्ल्यू को जांच रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देंश दिए हैं।
नेशन
दिग्विजय सिंह पर कस रहा ईओडब्ल्यू का शिंकजा आरकेडीएफ कॉलेज को आर्थिक लाभ पहुंचाने का मामला