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'नॉट फॉर सेल' दवाओं का खुलेआम चल रहा कारोबार

'नॉट फॉर सेल' दवाओं का खुलेआम चल रहा कारोबार

'नॉट फॉर सेल' दवाओं का खुलेआम चल रहा कारोबार
-डिफेंस अस्पतालों को आपूर्ति वाली दवाओं को खुले बाजार में बेचने वाले दो सगे भाई गिरफ्तार  
नई दिल्ली । फौज के अस्पतालों में 'नॉट फॉर सेल' दवाओं के कारोबार के बड़े फर्जावाड़े का खुलासा हुआ है। पूर्वी दिल्ली में डिफेंस के अस्पतालों में आपूर्ति की जाने वाली जीवन रक्षक दवाइयां खुले बाजार में बेचने वाले दो सगे भाइयों को पूर्वी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों का दवाइयों का कारोबार है, अन्य आम दवाओं के साथ डिफेंस की दवाएं भी बेचते थे। पुलिस अधिकारियों ने आशंका जताई है कि इसके तार डिफेंस अस्पाताल के अधिकारियों से जुड़े हैं। आरोपियों के पास से मिली डिफेंस सर्विस की दवाएं कैंसर में प्रयोग की जाती है और एक डिब्बी की कीमत डेढ़ लाख रुपए से अधिक है।  पुलिस तफ्तीश कर इस गोरखधंधे मे शामिल लोगों के बारे में पता लगा रही है। पुलिस की अभी तक की जांच में इस मामले में डिफेंस अधिकारियों की मिलीभगत की बात सामने आ रही है। पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर डिफेंस की दवाएं खुले बाजार तक पहुंचाने में शामिल अन्य आरोपियों का पता लगा रही है।  
पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि शुक्रवार को पूर्वी जिला एएटीएस को आरोपियों के बारे में सूचना मिली थी। कि आरोपी डिफेंस अस्पतालों में आपूर्ति की जाने वाली कैंसर की महंगी दवाएं बेचते हैं। सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर दिनेश आर्य की देखरेख में टीम बनाई गई और विकास मार्ग पर भारत पेट्रोल पंप के पास रात में आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपी स्कूटी पर एक बैग लेकर आया था और जब पुलिस ने बैग की तलाशी ली, तो उसमें दवाई की 5 डिब्बी बरामद हुई। इसके बाद आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने 7 अन्य पैकेट भी बरामद किए। सभी पैकेट पर अंग्रेजी में सिर्फ डिफेंस और ईएसआई में बिक्री हेतु मान्य लिखा रहता था, लेकिन आरोपी केमिकल का इस्तेमाल कर उसे मिटा देते थे। आरोपी ध्रुवनाथ झा और ओमनाथ झा लक्ष्मीनगर से अपना कारोबार चलाते थे। आरोपियों से पूछताछ से यह सामने आया है कि डिफेंस अस्पताल का कोई अधिकारी या डॉक्टर उनको ये दवाइयां उपलब्ध करवा रहा था। प्रीत विहार पुलिस ने धोखाधड़ी, चोरी, आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से वह केमिकल भी बरामद कर लिया है, जिससे दवा की डिब्बी पर लिखी चेतावनी मिटाई जाती है। 
पुलिस को आरोपियों ने बताया कि वह सिर्फ इस चेन की एक कड़ी है। यह धंधा ग्वालियर, मध्य प्रदेश, मुम्बई, गाजियाबाद और नोएडा में बड़े स्तर पर चल रहा है और वहीं से यह दवाएं दोनों भाई सस्ते रेट पर लाते थे और फिर उन दवाओं को एक कंपनी के जरिए मरीजों को बेच देते थे। करोड़ों का है नोट फॉर सेल व सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति की जाने वाली दवाइयों को खुले बाजार में बेचने का गौरखधंधा। राजधानी में ही नहीं देश भर में अपस्ताल स्पलाई की दवाईयों व नॉट फोर सेल दवाइयों को खुले बाजार में बेचने का गोरखधंधा लंबे समय से चलाया जा रहा है। अस्पताल के अधिकारियों की मदद से अस्पताल में स्पालाई होने वाली दवाएं अस्पताल से निकाल कर यह धंधा करने वाले एजेंटों में आधे से कम दामों में बेच दी जाती हैं। यह एजेंट इन दवाइयों से केवल अस्पताल आपूर्ति या नॉट फोर सेल की चेतावनी को केमिकल की मदद से मिटा कर अनाधिकृत कालोनियों में प्रैक्टिस करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों व केमिस्टों को बेचते हैं। जहां से यह दवइयां पूरी कीमत वसूल कर ग्राहकों को बेच दी जाती हैं। इस गोरखधंधे में कंपनियों की मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव भी शामिल होते हैं जो डॉक्टरों व केमिस्ट को नॉट फोर सेल लिखी दवाएं पैसे के ललच में सस्ते में बेच देते हैं। पुलिस उपायुक्त जसमीत सिंह ने बताया कि डिफेंस अस्पतालों में आपूर्ति की जाने वाली दवाइयां खुले बाजार में बेचने के आरोप में जिला एएटीएस की टीम ने आरोपी दो भाइयों को गिरफ्तार किया है, जिनका लक्ष्मी नगर में गोदाम था। पुलिस मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर रही है। 

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