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पाक नहीं, अमेरिका ने बोया था आतंक का बीज, विषवृक्ष तैयार हुआ तो पाक को कोसा जा रहा : इमरान-आतंकवाद के लिए इमरान ने अमेरिका पर लगाया आरोप

पाक नहीं, अमेरिका ने बोया था आतंक का बीज, विषवृक्ष तैयार हुआ तो पाक को कोसा जा रहा : इमरान-आतंकवाद के लिए इमरान ने अमेरिका पर लगाया आरोप

पाक नहीं, अमेरिका ने बोया था आतंक का बीज, विषवृक्ष तैयार हुआ तो पाक को कोसा जा रहा : इमरान-आतंकवाद के लिए इमरान ने अमेरिका पर लगाया आरोप 
इस्लामाबाद । आतंकियों का हमदर्द बना पाकिस्तान दुनियाभर में बदनाम हो चुका है। इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पहली बार खुलेआम अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसने ही अफगानिस्तान में अल कायदा के आतंकियों को हथियार और प्रशिक्षण दिया है। इमरान का यह बयान अनायास नहीं आया है, इसके पीछे उनकी सोची समझी चाल है। दरअसल, हर तरफ से मायूस होने के बाद अब इमरान विश्व बिरादमी को यह बताना चाहते हैं कि आतंक आज भले ही उसकी जमीन पर पुष्पित-पल्लवित हो रहा हो, लेकिन इसका बीज बोने का काम अमेरिका ने ही किया है। 
गौरतलब है कि ओसामा बिन लादेन के नेतृत्व वाले अल कायदा ने ही 9/11 हमले को अंजाम दिया था। ओसामा बाद में पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी ऑपरेशन में मारा गया। अफगानिस्तान में सोवियत संघ के कब्जे के दौरान अफगानिस्तान के विद्रोहियों को हथियार और प्रशिक्षण देने में अमेरिका का हाथ था, यह बात किसी से छिपी नहीं है। पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की भी उसने मदद ली थी। 
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने दिसंबर 1979 में सोवियत के आक्रमण से करीब 6 महीने पहले काबुल में सोवियत समर्थक सरकार के विरोधियों की मदद के लिए सीआईए को मंजूरी दी थी। हालांकि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का यह दावा कि अल कायदा को पाकिस्तान की सेना और आईएसआई ने प्रशिक्षित किया था, कबूलनामा कम अमेरिका के खिलाफ आरोप ज्यादा लगता है।
न्यूयॉर्क में एक थिंक टैंक को संबोधित करते हुए खान ने कहा उन विद्रोहियों को, जिन्हें विदेशी कब्जे के खिलाफ लड़ने को जिहाद बताकर राजी किया गया था, उन्हें अमेरिका ने अफगानिस्तान में दाखिल होने के बाद आतंकवादी घोषित कर दिया। पाक सेना और अफगान आतंकियों के संबंध को उचित ठहराते हुए इमरान ने कहा कि उन्होंने अल कायदा को प्रशिक्षित किया था, इसलिए पाकिस्तान और आतंकियों बीच हमेशा संपर्क बना रहा। 
पाक प्रधानमंत्री ने कहा 9/11 हमले के बाद आतंक के खिलाफ अमेरिकी गठबंधन की लड़ाई में शामिल होना उनके देश की सबसे बड़ी गलतियों में से एक थी। उन्होंने कहा इस लड़ाई में 70 हजार पाकिस्तानी मारे गए। इससे हमारी अर्थव्यवस्था को 200 अरब का नुकसान हुआ। इस पर हम पर आरोप मढ़ा जाता है कि हम आतंकवाद को प्रोत्साहन दे रहे हैं। इमरान के इस बयान को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को जवाब भी माना जा रहा है, जो अपनी धरती से आतंकियों को खत्म करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर पाकिस्तान पर सख्त हैं। 

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