सरकार 2 साल में लाएगी डेंगू की आयुर्वेदिक दवा
कुपोषण से जंग लड़ेगा आयुष मंत्रालय
नई दिल्ली । आयुष मंत्रालय अगले दो साल में दुनिया की पहली डेंगू की आयुर्वेदिक दवा लॉन्च करेगा। मंत्रालय के मुताबिक दवा विकसित करने का काम तीसरे और अंतिम चरण में है। ट्रायल पूरा होने के बाद इसे बाजार में पेश किया जाएगा। आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा, मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा शोध परिषद ने दवा को लेकर अनुसंधान किया था। इसे भारत में पाई जाने वाली कई औषधियों से तैयार किया जा रहा है। गोली के रूप में यह दवा अगले दो सालों में बाजार में उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि दवा का क्लीनिकल ट्रायल दो साल में पूरा हो जाएगा। दवा का नाम, इसे कैसे बेचा जाएगा यानी क्या काउंटर लगाया जाएगा या फिर सिर्फ डॉक्टर द्वारा लिखने पर ही इसे खरीदा जाएगा इस पर अभी फैसना नहीं हुआ हे। आईसीएमआर और मंत्रालय की टीम दवा की खुराक भी तय करेगी। गौ मूत्र, दूध, गोबर या अन्य तरह की जड़ी बूटियों से बने उत्पादों की गुणवत्ता का फर्जी दावा करने वालों की सरकार जल्द जांच शुरू करेगी। इसके लिए आयुष मंत्रालय एक ऐसे रजिस्ट्री सिस्टम पर काम कर रहा है, जिसके तहत उत्पादों के निर्माण की जानकारी मंत्रालय तक भेजना अनिवार्य होगा। फिर मंत्रालय इनके शोध पत्र की जांच करेगा।
कुपोषण से जंग लड़ेगा आयुर्वेद
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने बताया कि कुपोषण से जंग लडऩे के लिए आयुर्वेद सहायक सिद्घ होगा। महाराष्ट्र के गड़चिरौली में पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है। करीब 10 हजार गर्भवती महिलाओं को आयुर्वेद पद्घति से उपचार दिया जाएगा। जन्म से दो वर्ष तक बच्चों की पूरी निगरानी होगी। कोटेचा ने कहा, आयुर्वेद, होमियोपैथी और यूनानी चिकित्सा पद्घति की दवाओं की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है। देशभर में करीब पांच हजार से ज्यादा जनऔषधि केंद्र बन चुके हैं। इन पर करीब 150 तरह की दवाएं जल्द ही उपलब्ध होने लगेंगी।