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चिन्मयानंद से भाजपा ने बनाई दूरी, प्रवक्ता बोले, पार्टी के सदस्य नहीं - छात्रा के लिए मुसीबत बना मोबाइल

चिन्मयानंद से भाजपा ने बनाई दूरी, प्रवक्ता बोले, पार्टी के सदस्य नहीं  - छात्रा के लिए मुसीबत बना मोबाइल

चिन्मयानंद से भाजपा ने बनाई दूरी, प्रवक्ता बोले, पार्टी के सदस्य नहीं 
- छात्रा के लिए मुसीबत बना मोबाइल
लखनऊ । शाहजहांपुर में कानून की छात्रा के साथ दुष्कृत्य के आरोपों से घिरे पूर्व केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद से भाजपा ने दूरी बना ली है। यूपी भाजपा के प्रवक्‍ता हरिश्‍चंद्र श्रीवास्‍तव ने कहा कि चिन्‍मयानंद भाजपा के सदस्‍य नहीं हैं। हालांकि उन्‍होंने यह नहीं बताया कि कब चिन्‍मयानंद की भाजपा से सदस्‍यता खत्‍म की गई। उधर, रंगदारी मांगने के आरोपों में जेल में बंद पीड़‍ित छात्रा के लिए उसका मोबाइल मुसीबत का सबब बन गया है।
भाजपा प्रवक्‍ता ने कहा कि चूंकि अब पार्टी के सभी दस्‍तावेज ऑनलाइन हो गए हैं, इसलिए वह यह नहीं बता सकते हैं कि चिन्‍मयानंद कब से भाजपा के सदस्‍य नहीं हैं। ज्ञात हो कि चिन्‍मयानंद 13वीं लोकसभा के दौरान जौनपुर से सांसद चुने गए थे और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह राज्‍यमंत्री बने थे। वह वर्ष-1991 में बदायूं और 1998 में मछलीशहर लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। इस बीच छात्रा की गिरफ्तारी पर समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा नेता के खिलाफ साहस दिखाते हुए आवाज उठाने वाली बेटी को ही जेल भेजकर भाजपा ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है। आज देश की हर बेटी, बहन और मां भाजपा के इस शर्मनाक कृत्य से दुखी हैं। ‘बेटी बचाओ’ भी आख़िरकार एक जुमला ही साबित हुआ।
इस पूरे विवाद के बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद 10 अक्‍टूबर को हरिद्वार में एक बैठक करने जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बैठक में चिन्‍मयानंद की बर्खास्‍तगी को लेकर कोई फैसला किया जा सकता है। परिषद ने कहा है कि उसके सदस्‍यों को योगी आदित्‍यनाथ को अपना उदाहरण मानना चाहिए न कि चिन्‍मयानंद को। मालूम हो कि चिन्‍मयानंद न्‍यायिक हिरासत में चल रहे हैं और तबीयत खराब होने के बाद उन्‍हें लखनऊ के एसजीपीजीआई हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इस बीच 14 दिनों की न्‍यायिक हिरासत में भेजी गई छात्रा के लिए उसका मोबाइल फोन गले की फांस बन गया है। आरोपी छात्रा ने अभी तक एसआईटी को अपना फोन नहीं दिया है। चिन्‍मयानंद से 5 करोड़ रुपये रंगदारी मांगने के मामले में छात्रा का मोबाइल एक बड़ा सबूत माना जा रहा है। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने कहा है कि छात्रा ने पूछताछ में स्‍वीकार किया है कि उसने अपने एक साथी संजय सिंह को चिन्‍मयानंद को रंगदारी मांगने के लिए वॉट्सऐप पर मेसेज भेजने के लिए कहा था। 
 

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