पहली बार ठाकरे परिवार का सदस्य लड़ेगा चुनाव
मुंबई, । महाराष्ट्र की राजनीति में कभी ठाकरे परिवार ने चुनाव नहीं लड़ा लेकिन इस प्रथा को ख़त्म करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने पुत्र आदित्य ठाकरे को चुनावी महासंग्राम में उतारने का निर्णय लिया है. शिवसेना ने आदित्य ठाकरे को मुंबई की वर्ली सीट से टिकट दिया है. ये सीट अभी शिवसेना के कब्जे में ही है. मौजूदा विधायक का टिकट काटकर आदित्य को टिकट दिया गया है. इससे पहले महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे ताकतवर परिवार माने जाने वाले ठाकरे परिवार का कोई भी सदस्य चुनावी मैदान में नहीं उतरा था. उल्लेखनीय है कि शिवसेना की स्थापना बालासाहब ठाकरे ने की. लेकिन खुद कभी चुनाव नहीं लड़ा. यहां तक कि जब 1995 में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन महाराष्ट्र में सत्ता में आया तब भी बालासाहब ठाकरे ने मनोहर जोशी को मुख्यमंत्री बनाया. खुद उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने चुनाव नहीं लड़ा. हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बाद सीएम बनने की ख्वाहिश जता दी थी. आदित्य ठाकरे के चुनावी राजनीति में उतरने के संकेत तभी मिल गए थे, जब उन्होंने विधानसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही जन आशीर्वाद यात्रा शुरू कर दी थी. शिवसेना के अनुसार, उनकी जनआशीर्वाद यात्रा को बहुत कामयाबी मिली है. ऐसे में वह सीएम पद के सही दावेदार हैं. बहरहाल आदित्य ठाकरे के मैदान में उतरते ही ये तय हो गया है कि शिवसेना ने अब अपनी निगाहें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर जमा दी हैं. एक दिन पहले ही उद्धव ठाकरे कहा था कि उन्होंने बाला साहब ठाकरे से वादा किया था कि वह एक शिवसैनिक को सीएम की कुर्सी पर बिठाएंगे. इससे पहले भी कई शिवसैनिक आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर चुके हैं.
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