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मंत्री पटवारी के बयान पर मचा बवाल पटवारियों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव, कहा-माफी मांगें मंत्री नहीं तो करेंगे हड़ताल

मंत्री पटवारी के बयान पर मचा बवाल पटवारियों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव, कहा-माफी मांगें मंत्री नहीं तो करेंगे हड़ताल

मंत्री पटवारी के बयान पर मचा बवाल
पटवारियों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव, कहा-माफी मांगें मंत्री नहीं तो करेंगे हड़ताल
अशोकनगर । उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के बयान कि सौ फीसदी पटवारी रिश्वत लेते हैं के बाद से ही प्रदेश में बवाल मच गया है। जिले में पटवारी संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने मंत्री के इस्तीफे और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की और ये भी साफ कर दिया कि अगर तीन दिन में उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वो प्रदेश स्तर पर मंत्री पटवारी के खिलाफ आंदोलन छेड़ देंगे। इस दौरान पटवारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की और डिप्टी कलेक्टर को मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
मंत्री जीतू पटवारी के बयान के विरोध में सोमवार को बड़ी संख्या में पटवारी रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर मंत्री पटवारी से माफी मांगने की मांग की। पटवारियों ने ज्ञापन सौंपकर माफी नहीं मांगने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी। उन्होंने मंत्री पटवारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनके इस बयान को तानाशाही रवैया करार दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि वे इस तानाशाही रवैये को नहीं चलने देंगे। उनकी मांग नहीं मानी तो 3 अक्टूबर से एक भी पटवारी काम नहीं करेगा। पटवारियों का कहना है कि जीतू पटवारी ने सार्वजनिक मंच से सभी शासकीय पटवारियों को रिश्वतखोर बताकर प्रदेश के समस्त पटवारियों के मान-सम्मान, स्वाभिमान और अस्मिता को ठेस पहुंचाई है। इस बयान से पटवारियों को मानसिक आघात पहुंचा है। इससे पटवारियों का मनोबल टूटा है और पटवारी खुद को अपमानित महसूस कर रहा है। जीतू पटवारी के बयान के खिलाफ पटवारी तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। यदि पटवारी से सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। जो पटवारी संघ के अध्यक्ष बलवीर सिंह यादव एवं सचिव हरिओम शर्मा ने कहा कि पटवारी शासन की एक रीड की हड्डी की तरह होता है। जो कि विभागों के कार्य एवं शासन प्रशासन के सभी आदेशों का पालन पूरी जिम्मेदारी के साथ करता है। किसानों की योजनाओं या फिर फसल सर्वेक्षण सभी कार्यों को विपरीत परिस्थियों में समय पर पूर्ण करता है। शासन के आदेश अनुसार सभी प्रकार के राजस्व मामले जैसे की नामांत्रण वटवारे या फिर ऑनलाइन आवेदन सभी कार्यों को निश्चित समय-सीमा में कार्य करते हैं। किन्तु पटवारियों पर जिन कामो की जिम्मेदारी नहीं होती है उन कार्यों के लिये भी उन्हे दोशी मानकर दंडित या फिर सार्वजनिक रूप से अपमानित एवं प्रताडि़त किया जाता है। जिससे शासकीय कार्य करने में पटवारियों का मनोवल गिरा है। उच्च शिक्षा मंत्री अपने निंदनीय वयान पर माफी मांगे अन्यथा समस्त पटवारी अपने स्वाभीमान की रक्षा हेतु आगामी तीन अक्टूबर से समस्त कार्य छोडक़र हड़ताल पर चले जाएगे। जिसकी जिम्मेदारी शासन की होगी इस मौके परपटवारी संघ के अध्यक्ष कालूराम मेहरा, बलवीर सिंह यादव, हरिओम शर्मा एवं बड़ी संख्या में पटवारी उपस्थित रहे।
क्या था मंत्री पटवारी का वयान:
बता दें कि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने शनिवार को उनके विधानसभा क्षेत्र के रंगवासा में आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम में उनकी यही पीड़ा मंच से उभर आई थी। हजारों की तादाद में मौजूद किसानों और अधिकारियों की मौजूदगी में मंत्री ने कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव को संबोधित करते हुए कहा था कि 100 प्रतिशत पटवारी रिश्वत लेते हैं। बिना पैसा लिए काम ही नहीं करते। मेरे नाम में भी पटवारी है, इसलिए मेरा भी नाम बदनाम होता है। मंत्री पटवारी ने यह भी कहा था कि पटवारियों से हाथ जोडक़र निवेदन करने पर भी नहीं मानते। कोई किसान ऊपर का पैसा दे रहा है तो वह गलत कर रहा है, उसकी भी जिम्मेदारी है। रिश्वत लेने वाला दोषी है तो देने वाला भी दोषी है। थोड़ा लड़ो, नेताओं को भी झिंझोड़ो, चार बात सुनाओ, क्योंकि आपके वोट की कीमत है। मंत्री ने कलेक्टर से अनुरोध किया कि वे पटवारियों पर लगाम कसें। हालांकि अपने बयान पर बचे बवाल के बाद उन्होंने ट्वीट कर सफाई भी दी कि, लेकिन बात नहीं बनी और पटवारी संघ ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
 

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