प्रफुल्ल पटेल से जुड़े मामले में ईडी ने दर्ज किए गैंगस्टर 'मिर्ची' के नजदीकियों के बयान
मुंबई । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में कुख्यात गैंगस्टर और मादक पदार्थों के अवैध कारोबारी इकबाल मेमन उर्फ मिर्ची के रिश्तेदारों से पूछताछ शुरू कर दी है। कभी कुख्यात गैंगस्टर दाउद इब्राहिम के बेहद नजदीकी रहे मिर्ची की 2013 में मौत हो चुकी है। ईडी पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के परिवार से जुड़ी एक कंपनी और मिर्ची के बीच एक कथित फाइनेंशियल डील की जांच कर रही है। हालांकि, प्रफुल्ल पटेल ने ईडी के इन आरोपों को खारिज कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इस सिलसिले में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और उनके परिवार से भी पूछताछ की जा सकती है। सोमवार को ईडी ने इकबाल मेमन के रिश्तेदार मुक्तार पटका का बयान दर्ज किया। जल्द ही इकबाल मेमन उर्फ मिर्ची की पत्नी हाजरा और उसके दो बेटों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। यह जांच उस मामले की जांच कर रही है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि पटेल परिवार की प्रमोटेड कंपनी मिलेनियम डिवेलपर्स और मिर्ची के परिवार के बीच एक फाइनेंशियल डील हुई थी।
सूत्रों के अनुसार इस डील के तहत मिलेनियम डेवलपर्स को मिर्ची का वर्ली स्थित एक प्लॉट दिया गया था। यह प्लॉट वर्ली में नेहरू प्लैनेटेरियम के सामने प्राइम लोकेशन पर मौजूद है। इसी प्लॉट पर मिलेनियम डेवलपर्स ने 15 मंजिला कमर्शियल और रेजिडेंशियल इमारत का निर्माण किया है। इसका नाम सीजे हाउस रखा गया है।
इसके बाद सन 2007 में कंपनी ने कथित तौर पर सीजे हाउस में 14 हजार वर्ग फीट के दो फ्लोर मिर्ची की बीवी हाजरा को एक रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के तहत दे दिए गए। मिर्ची ने अधिकांश प्रॉपर्टी अपनी बीवी और अपने बेटों के नाम खरीदी थी। वर्ली की प्राइम लोकेशन पर उनके कई प्लॉट हैं। वर्ली में जिस प्लॉट पर 1980 के दशक में मिर्ची का डिस्कोथेक 'फिशरमैंस वार्फ' बना था वह भी हाजरा के ही नाम था। ईडी को 1999 से 2007 के बीच जमीन के मालिकाना हक वाले कागज भी मिल गए हैं।
बताया जाता है कि एक दस्तावेज में हाजरा और मिलेनियम डेवलपर्स के बीच इस प्लॉट को फिर से डेवलप करने की हुई डील के सबूत हैं। सूत्रों ने कहा चूंकि मिर्ची ने यह संपत्ति अवैध गतिविधियों से कमाए पैसे से खरीदी थी, इसलिए यह अपराध के जरिए अर्जित किया गया धन है। यह बयान दर्ज करने के बाद, ईडी संपत्ति कुर्क करने पर फैसला लेगी। मिर्ची ने 1985 में वर्ली में बेनामी संपत्ति के रूप में एमके मोहम्मद नाम के एक शख्स से एक रेस्तरां खरीदा था। इसके बाद उसने कथित तौर पर रेस्तरां से सटे एक प्लॉट पर अतिक्रमण किया और फिशरमैंस वार्फ डिस्को शुरू किया, जो बताया जाता है कि उसके मादक पदार्थों के व्यवसाय के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
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