भारत में पूरी तरह बनाई गई देश की सबसे तेज रफ्तार की ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन के बाद से कोई न कोई विवाद सामने आता रहता है। ट्रेन के परिचालन के बाद से इस पर पत्थर फेंके जाने और गड़बड़ियों की जानकारी सामने आ रही हैं। शनिवार को भी ऐसा ही कुछ हुआ। एक छोटे से हादसे की वजह से यात्रियों और रेलकर्मचारियों के माथे पर पसीना आ गया। शनिवार शाम 7 बजकर 46 मिनट पर वंदे भारत एक्सप्रेस की ड्राइवर की विंड स्क्रिन और 7 कोचों की खिड़कियों के शीशों में दरारें आ गईं। यह घटना कानपुर और टुंडला के बीच में हुई। रेलवे प्रशासन ने इस घटना के संबंध जानकारी दी। जिसके मुताबिक उड़ते हुए पत्थर की वजह से यह घटना हुई।
दरअसल वंदे भारत एक्सप्रेस और डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस आस-पास से गुजर रहीं थी तो एक उड़ता हुआ पत्थर का टुकड़ा वंदे भारत ट्रेन की ओर आया। ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज है थी कि ट्रेन से टकराने के बाद पत्थर का टुकड़ा कई कोचों को क्षतिग्रस्त करता हुआ गुजर गया। पत्थर का टुकड़ा ड्राइवर सीट की सामने वाले शीशे (विंड स्क्रिन) से टकराया, उसके बाद कोच संख्या सी4, सी6, सी7, सी8, सी13 के शीशों पर टकरा गया। पत्थर कोच सी12 के दोनों तरफ की खिड़कियों पर टकराया। घटना के बाद ट्रेन को कुछ देर के लिए रोका गया। ट्रेन में मौजूद तकनीकी विशेषज्ञों ने इसकी जांच की, सभी पैमानों पर खरा उतरने के बाद ट्रेन को गंतव्य की ओर रवाना किया गया। दिल्ली पहुंचने के बाद सभी कोचों और ड्राइवर सीट की दोबारा जांच की गई ताकि अगली यात्रा के दौरान सवारियों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
गौरतलब है कि 17 फरवरी से यह ट्रेन आम यात्रियों के लिए उपलब्ध हो चुकी है। वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह छह बजे दिल्ली से रवाना होती है और दोपहर दो बजे वाराणसी पहुंचती है। उसी दिन यह ट्रेन वाराणसी से तीन बजे चल कर और रात 11 बजे दिल्ली पहुंचती है। सोमवार और गुरुवार को छोड़कर ट्रेन सप्ताह में पांचों दिन चलती है। दिल्ली से वाराणसी जाने के लिए वातानुकूलित कुर्सीयान के टिकट का किराया 1760 रुपये है और एक्जीक्यूटिव श्रेणी का किराया 3310 रुपये है। जबकि, वापसी में वातानुकूलित कुर्सीयान के टिकट का किराया 1700 रुपये और एक्जीक्यूटिव श्रेणी का किराया 3260 रुपये है। दोनों किराये में खान-पान का भी शुल्क शामिल है।
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'वंदेभारत' पर पत्थर हमला, 6 कोच की खिड़कियां हुईं डैमेज