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(रंगसंसार) किरदारों को दोहराने पसंद नहीं स्मिता बंसल को

(रंगसंसार) किरदारों को दोहराने पसंद नहीं स्मिता बंसल को

(रंगसंसार) किरदारों को दोहराने पसंद नहीं स्मिता बंसल को
टीवी धारावाहिक 'बालिका वधू' में छोछी दुल्हन की सास के रूप में चर्चित हुईं अभिनेत्री स्मिता बंसल अपने किरदारों को दोहराना पसंद नहीं करती हैं। जल्द ही वह नए धारावाहिक 'यह जादू है जिन्न का' में केंद्रीय भूमिका में दिखाई देंगी। अपने किरदार के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह काफी दिलचस्प है। उन्होंने कहा कि, "मैं अपने किरदारों के साथ प्रयोग करना पसंद करती हूं और ऐसा पहली बार हुआ है, जब मैं इस प्रकार के शो में काम कर रही हूं। मैं अपने किरदार को दोहराना पसंद नहीं करती, इसलिए जैसे ही मुझे यह ऑफर हुआ, इस मौके के लिए हां कर दी।" धारावाहिक में स्मिता विक्रम सिंह चौहान (अमन) की मां का किरदार निभाएंगी। अमन जुनैद खान जादुई शक्तियों वाला नवाब है, लेकिन उसकी मां (स्मिता द्वारा अभिनीत) को उसका शक्तियों का उपयोग करना पसंद नहीं है। वह चाहती है कि बेटा दूसरे इंसानों की तरह रहे। 
दोस्ती के 30 साल का तब्बू, फराह खान ने मनाया जश्न
पिछले तीस सालों से कोरियोग्राफर-फिल्मकार फराह खान और अभिनेत्री तब्बू दोस्ती का रिश्ता निभा रहे हैं। फराह ने तब्बू के लिए यह कहते हुए कि कुछ दोस्ती टैग से परे होती है, इंस्टाग्राम पर एक भावात्मक पोस्ट किया। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, "मेरी सबसे खूबसूरत तब्बू, हमारी दोस्ती के 30 साल पूरे होने का जश्न।" पोस्ट के साथ फराह ने तब्बू संग अपनी एक तस्वीर भी साझा की। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस तस्वीर पर कई कमेंट किए। इनमें अदिति राव हैदरी, सोनाली बेंद्रे और जैकलीन फर्नाडीज भी शामिल हैं। वहीं, फिल्मों में काम की बात करें तो आने वाले समय में तब्बू, सैफ अली खान के विपरीत 'जवानी जानेमन' में नजर आएंगी और इसके साथ ही मीरा नायर की फिल्म 'ए सूटेबल बॉय' में भी तब्बू दिखेंगी।
अली फजल की "हाउस अरेस्ट" होगी 15 नवंबर को रिलीज 
अली फजल और श्रिया पिलगांवकर की फिल्म "हाउस अरेस्ट" 15 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली है। बताया जा रहा है ‎कि इस फिल्म में जिम सर्भ और बरखा सिंह भी हैं, फिल्म की कहानी जॉय ऑफ मिसिंग आउट की अवधारणा पर आधारित है। ‎जिसमें बताया गया ‎कि  जब आप वास्तविक जीवन और समाज से दूरी बनाकर उस काम पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं तो उसमें आपकी सबसे अधिक रुचि होती है और यह भावना काफी संतोष प्रदान करने वाली होती है। वहीं, बताया गया ‎कि फिल्म को शशांक घोष और समित बासु ने मिलकर निर्देशित किया है। वहीं, त्रिलोक मल्होत्रा और केआर हरीश ऑफ इंडिया स्टोरीज मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने इसे बनाया है। हालां‎कि यह एक ऐसे आदमी की कहानी है जो अपने ही डरों से घिरा हुआ है, वह अपने आप को घर में कैद कर लेता है, ऐसा वह केवल इस बात का पता लगाने के लिए करता है कि अगर वह दुनिया से संबंध नहीं तोड़ता है तो वह दुनिया को अपने क्षेत्र में प्रवेश करने से नहीं रोक सकता है।
मौनी राय ने याद किया अपना  मुश्किल दौर
टीवी की जानी-मानी अभिनेत्री मौनी रॉय ने अपने मुश्किल दिनों को याद कर बताया कि  वाकई में  बहुत मुश्किल दौर था, जब मैं एलफोर-एलफाइव के डीजनरेशन का शिकार हो गई थी। यह स्पाइन से जुड़ी गंभीर बीमारी है, जहां आपकी डिस्क, जॉइंट्स, नर्वस सिस्टम और सॉफ्ट टिश्यूज प्रभावित होते हैं। मेरा कंप्लीट डीजनेरेशन हो गया था। बहुत कम लोगों को मेरी इस बीमारी की जानकारी है। मैं ठीक से खड़ी भी नहीं हो पाती थी। मेरा पूरा बदन टेढ़ा हो गया था। मुझे एक दिन में 36 गोलियां खानी पड़ती थीं। तब लगता था कि मेरी जिंदगी खत्म हो गई है। उसी दौर में मैंने अपने पिता को भी खो दिया। मेरी मॉम एक अलग तरह के डिप्रेशन से गुजर रही थीं। शारीरिक तौर पर दर्द और अक्षम होने के कारण मैं काम भी नहीं कर पा रही थी। 6 महीने तक मैं बिस्तर से लगी रही। मगर मैंने हिम्मत से काम लिया और आज आपके सामने हूं। मैं एक और फलसफे पर यकीन करती हूं, मन का हो, तो अच्छा, न हो तो और भी अच्छा। 

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