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बीते सप्ताह तेल तिलहन बाजार में सरसों और सोयाबीन के भाव नरम रहे - सस्ते खाद्य तेलों का आयात लगातार बढ़ते जाने के कारण कीमतें प्रभा‎वित हुईं

बीते सप्ताह तेल तिलहन बाजार में सरसों और सोयाबीन के भाव नरम रहे - सस्ते खाद्य तेलों का आयात लगातार बढ़ते जाने के कारण कीमतें प्रभा‎वित हुईं

बीते सप्ताह तेल तिलहन बाजार में सरसों और सोयाबीन के भाव नरम रहे
- सस्ते खाद्य तेलों का आयात लगातार बढ़ते जाने के कारण कीमतें प्रभा‎वित हुईं
नई ‎दिल्ली । वै‎श्विक बाजारों में तेजी बावजूद सस्ते खाद्य तेल (पामोलीन) के आयात तथा सरसों बिजाई के मौसम से पहले सहकारी संस्था नेफेड की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर बिकवाली जारी रहने से बीते सप्ताह तेल तिलहन बाजार में सरसों और सोयाबीन के भाव में नरमी का रुख रहा। बाजार सूत्रों का कहना है कि देश में खाद्य तेलों का उत्पादन कुल खपत के मुकाबले कम रहने के बावजूद सरसों और सोयाबीन न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बिक रही हैं। सस्ते खाद्य तेलों का आयात लगातार बढ़ते जाने के कारण यह स्थिति है। बुवाई शुरू होने के समय सहकारी संस्था राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) के बाजार में सरसों बेचने से मजबूत होता बाजार फिर से नरम पड़ गया। सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,200 रुपए क्विंटल है, जबकि बीते सप्ताह स्थानीय मंडी में इसका भाव 4,050 से 4,070 रुपए के बीच रहा। 
सोयाबीन का मंडी में भाव 3,700 रुपए के एमएसपी के मुकाबले लगभग 3,600 रुपए क्विन्टल चल रहा है। सरसों दाना का भाव अपने विगत सप्ताहांत के मुकाबले 30 रुपए की गिरावट के साथ 4,020-4,050 रुपए प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। जबकि सरसों दादरी के भाव विगत सप्ताहांत के मुकाबले 90 रुपए के सुधार के साथ 8,140 रुपए प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी के भाव विगत सप्ताहांत के मुकाबले 15-15 रुपए की हानि के साथ 1,265-1,565 रुपए और 1,465-1,615 रुपए प्रति टिन पर बंद हुए। सस्ते आयात के कारण मूंगफली दाना (तिलहन) के भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 20 रुपए के नुकसान के साथ 4,480-4,595 रुपए क्विन्टल रह गया, जबकि दूसरी ओर स्थानीय मांग के कारण मूंगफली मिल डिलीवरी गुजरात तेल का भाव 520 रुपए सुधरकर 10,500 रुपए क्विन्टल पर बंद हुआ। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड पांच रुपये का सुधार के साथ 1,790-1,835 रुपए प्रति टिन हो गया। तिल मिल डिलीवरी का भाव 400 रुपए की हानि के साथ 10,400-15,900 रुपए क्विन्टल रह गया। सस्ते आयात और स्थानीय मंडी में एमएसपी से कम कीमत पर बिकवाली की वजह से सोयाबीन मिल डिलीवरी दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम की कीमतें क्रमश: 50 रुपए, 40 रुपए और 40 रुपए की हानि के साथ 8,030 रुपए, 7,880 रुपए और 7,000 रुपए प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। 
सीपीओ एक्स कांडला और बिनौला मिल डिलीवरी (हरियाणा) के भाव क्रमश: 94 रुपए और 50 रुपए के सुधार के साथ 5,540 रुपए और 7,520 रुपए क्विन्टल पर बंद हुए। त्यौहारों के दौरान स्थानीय मांग के कारण पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला के भाव क्रमश: 40 रुपए और 90 रुपए सुधरकर क्रमश: 6,900 रुपए और 6,230 रुपए क्विंटल पर बंद हुए। बाजार सूत्रों का कहना है कि बिजाई के ऐन मौके पर सरसों और सोयाबीन की एमएसपी से कम दाम पर बिकवाली से इनकी खेती का रकबा कम होने का खतरा है जिसका असर खाद्य तेलों के दाम और खल उत्पादन पर हो सकता है। इसके कारण देश में खाद्य तेलों का आयात भी बढ़ने की संभावना है।

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