स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की पोल खोल रही सड़कें, पैदल चलने में भी झटके
अलीगढ़ । शहर की सड़कें विकास और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की पोल खोल रही हैं। शहर की अधिकतर मुख्य सड़कें जर्जर और बदहाल हैं। शहर की मुख्य जगहों से होकर निकलने वाली सड़कों पर गुजरना किसी सजा से कम नहीं। बरसात होने पर जलभराव की पीड़ा अलग से। इन सड़कों के निर्माण की आस लगाए लोग लंबे समय से हिचकोले खा रहे। जनप्रतिनिधि हों या अधिकारी, एक दशक से सड़कों और शहर की सूरत बदलने की बात कह रहे, लेकिन यह वादों और दावों का खेल है।
महेन्द्र नगर पला रोड़ के बीच से गुजरने वाली इस प्रमुख सड़क का निर्माण छह साल पहले शुरू हुआ। लेकिन, काम पूरा नहीं हो सका।
जिन सड़कों के निर्माण के लिए भाग-दौड़ करते-करते मोहल्लावासियों की चप्पलें घिस जातीं, निर्माण पर लाखों रुपये खर्च होते। उन्हें कभी पाइपलाइन तो कभी केबल बिछाने के लिए खोद या काट दिया जाता है। खोदी गईं सड़कों की मरम्मत न कर ऐसे ही छोड़ दिया जाता।
-बरसात में तालाब बन जातीं सड़कें
बरसात शुरू होते ही ये सड़कें तालाब की शक्ल में नजर आती हैं। बारिश और ओवर फ्लो होते नालों का पानी सड़कों को और बदहाल कर देता है।
लैब जांच में सड़क निर्माण में प्रयुक्त सामग्री मानकों पर खरी उतरती है। जांच रिपोर्ट भी ओके होती है, ऐसे में सड़कों का कम समय में ही टूटना रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल पैदा करता है। इनकी जांच के लिए निगम द्वारा प्रति नमूना एक हजार रुपये खर्च किए जाते, लेकिन इनका लाभ नहीं मिल रहा।
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