अनुशासन प्रतिबद्वता एवं अदम्य साहस से खेल में भी भगवान बन जाते है- गुरूचरण गौड़
सिरोंज । सोमवार को सरस्वती शिशु मंदिर में विद्या भारती द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 32 वीं अखिल भारतीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता का समापन हुआ । प्रतियोगिता के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुऐ मुख्य वक्ता विद्या भारती के विभाग समन्वयक गुरूचरण गौड़ ने कहाकि अगर जीवन में अनुशासन हो, समर्पण हो, लक्ष्य को पाने की प्रतिबद्वता हो और निरंतर अभ्यास हो तो व्यक्ति खेल में भगवान कहलाने लगता है। सचिन तेंडुलकर का उदाहरण दिया। उसके साथ ही सरस्वती शिशु मंदिर समिति के अध्यक्ष कैलाश रघुवंशी ने प्रतियोगियों को शुभकामनाऐं देते हुऐ कहाकि हमारा लक्ष्य केवल इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त करना न होकर ऑलम्पिक पदक प्राप्त हों। हमें हमेशा बड़े लक्ष्य तय करना चाहिए। साथ ही प्रतियोगिता में 110 भैया बहिनों को पुरूस्कार वितरित किये गयें। स्थानीय शिशुमंदिर केभैया बहिनों ने 6 स्वर्ण पदक तथा 9 रजत पदक प्राप्त किए। इसदौरान प्राचार्य दिनेश राठौर,योगेन्द्र जोशी, राजकुमार तिवारी, पवन शास्त्री, अर्चना यादव आदि बड़ी संख्या में स्टॉफ एवं विद्यार्थी मौजूद थें।
नेशन रीजनल
अनुशासन प्रतिबद्वता एवं अदम्य साहस से खेल में भी भगवान बन जाते है- गुरूचरण गौड़