शहीदे करबला को किया याद, अकीदत के साथ निकला बड़े साहब का जुलूस
शाजापुर । शोहदा-ए-करबला की याद में मोहर्रम पर्व के चालीसवें दिन को मुस्लिम समाज द्वारा चेहल्लुम के रूप में मनाया गया और इस दिन करबला के मैदान में कुर्बान हुए शहीदों को याद कर दुरूद और फातेहा पढ़ी गई। वहीं प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी मोहर्रम कमेटी के द्वारा एशिया के सबसे बड़े दुलदुल का शाही जुलूस निकाला गया। मोहर्रम कमेटी के सदर बाबू खान खरखरे ने बताया कि 20 अक्टूंबर की रात बड़े साहब का जुलूस या अली, या हुसैन की सदाओं के साथ इमाम बाड़े से रात 9 बजे शुरू हुआ। जुलूस में अकीदतमंद अपने कांधों पर बड़े साहब को लेकर चले और जुलूस शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ अल सुबह 5 बजे पुन: हुसैनी चौक पहुंचकर संपन्न हुआ और यहां पर फातेहा पढक़र तबर्रूक बांटा गया। जुलूस में मोहर्रम कमेटी के अशफाक पटेल, नानी गफ्फार, मिर्जा सोहराब बेग, अकरम पार्षद, रफीक पेंटर, अजीज मंसूरी, शकील वारसी, बाबू भाई ऐरिकेशन, सफदर अली, अजगर अली, अखलाक हुसैन मदनी, पप्पू सदर, हनीफ राही, डॉ मौजूद, आरिफ मिर्जा, शेख जम्मू, आबिद खान, अनवर खान, अकरम खान, जाकिर खान, आजाद खान, अकील नूरमंडी सहित बड़ी संख्या में मुस्लिमजन मौजूद थे।
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शहीदे करबला को किया याद, अकीदत के साथ निकला बड़े साहब का जुलूस