भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जेट एयरवेज को दिए गए कर्ज की वसूली के लिए दिवाला कानून के तहत राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) जाने पर विचार कर रहा है। बैंक को लग रहा है कि विमानन कंपनी के पास परिचालन के लिए पूंजी समाप्त हो रही है। जानकारी के मुताबिक निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज के शेयरधारकों ने हाल ही में एक असाधारण बैठक (ईजीएम) में कंपनी पर बकाया वित्तीय कर्जों को शेयरों में बदलने और कुछ अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। एसबीआई की अगुवाई में कई बैंकों ने मिल कर जेट एयरवेज को कर्ज दे रखा है। वित्तीय संकट से गुजर रही यह एयरलाइन कर्ज को शेयर में बदलने और पूंजी जुटाने की योजना पर विचार कर रही है। ऋणदाताओं और प्रमुख शेयरधारकों से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि स्टेट बैंक जेट एयरवेज के खिलाफ दिवाला कानून के तहत कार्रवाई शुरू करने के लिए एनसीएलटी में जाने पर विचार कर रहा है चूंकि कंपनी के पास परिचालन के लिए पैसे समाप्त हो रहे हैं। दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता सहिंता (आईबीसी) के तहत ऋणदाता, कर्ज के बोझ से दबी कंपनी से बकाया वसूलने के लिए दिवाला प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए एनसीएलटी की मंजूरी की जरूरत होती है। एनसीएलटी की मंजूरी के बाद ही दिवाला प्रक्रिया शुरू हो सकती है।