लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने के पूर्व सीबीआई ने बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। स्मारक घोटाले के बाद अब सीबीआई ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में हुए घोटाले की जांच शुरू कर दी है। 2010 में यह भर्तियां हुई थी। मायावती की उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार थी। उस समय मनमाने तरीके से नियुक्तियों में घोटाला किया गया था।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव भी सीबीआई के निशाने पर हैं। मुलायम सिंह ने स्थितियों को देखते हुए पाला बदल लिया है। वह खुले तौर पर भाजपा को मदद पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के पक्ष में लगातार बयान दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा नुकसान लोकसभा चुनाव में बसपा को होना तय माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश में त्रिकोणीय स्थिति बनने पर सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को होने वाला है। सपा इस गठबंधन में फायदे में रहेगी, वहीं कांग्रेस को भी वर्तमान स्थिति की तुलना में ज्यादा लाभ मिलना तय माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान यदि यही स्थिति बनी रही, तो निश्चित रुप से कहा जा सकता है, कि नरेंद्र मोदी 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बनेंगे।
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सपा और बसपा मुखिया को घेरने में जुटी सीबीआई