फेस्टिव सीजन में जोरदार बिक्री से मजबूत होगा मारुति का शेयर
नई दिल्ली । कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी में निवेशकों की दिलचस्पी कुछ समय के लिए दो अहम वजहों से बनी रह सकती है। पहली, ऐसा लगता है कि कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन साइकल बॉटम आउट हो चुका है। दूसरी, फेस्टिव सीजन की सेल्स ग्रोथ निवेशकों को कंपनी के शेयरों की कीमत को लेकर अपना नजरिया बदलने पर मजबूर कर सकती है। दोनों फैक्टर्स के चलते कंपनी के शेयरों का प्रीमियम वैल्यूएशन बना रह सकता है। सितंबर क्वॉर्टर में मारुति का ऑपरेटिंग मार्जिन तिमाही आधार पर 90 बेसिस प्वाइंट गिरकर 9.4 फीसदी रह गया, जो कई क्वॉर्टर का लो है। इस डेटा से बाजार को आश्चर्य हुआ, क्योंकि ऐनालिस्टों ने सितंबर तिमाही में कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन काफी कम रहने का अनुमान लगाया था।
कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन कम रहने की वजह कमजोर मांग, ज्यादा डिस्काउंट और कम कैपेसिटी यूटिलाइजेशन रहा। लागत कम रखने और कमोडिटी के दाम में कमजोरी के चलते हुई बचत से कंपनी को चुनौतियों से निपटने में मदद मिली है। हर गाड़ी पर कंपनी का औसत डिस्काउंट सितंबर में बढ़कर 25,741 रुपए के हाई पर पहुंच गया, जो पिछले साल के इसी क्वॉर्टर में सिर्फ 18700 रुपए था। इस दौरान कंपनी का यूटिलाइजेशन भी 79 फीसदी रहा था। कंपनी का सेल्स वॉल्यूम सितंबर क्वॉर्टर में 30 फीसदी गिर गया। डाउनटर्न में भी लागत के मोर्चे पर कंपनी को हो रही बचत में तिमाही आधार पर लगातार बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में मार्जिन में गिरावट होने को लेकर बाजार की राय बदल सकती है। कंपनी को लागत में कितनी बचत हो रही है, इसका पता ग्रॉस मार्जिन (रेवेन्यू-रॉ मैटीरियल कॉस्ट) से चलता है जो चार तिमाही के हाई 28.82 फीसदी पर पहुंच गया है। आनेवाली तिमाहियों में कमोडिटी के दाम कम होने से मिलनेवाला फायदा बढ़ सकता है, क्योंकि कुछ प्राइसिंग अजस्टमेंट का असर एक छमाही बाद दिखता है। जहां तक डिमांड की बात है तो फेस्टिव सीजन में कंपनी की रिटेल ग्रोथ सकारात्मक रही है और इसका मोमेंटम दशहरा के बाद भी बना रहा था। मारुति सुजुकी पहले ही बीएस-6 के नए एमीशन नॉर्म्स वाले आठ मॉडल लॉन्च कर चुकी है और वह अपनी नेटवर्क इन्वेंटरी घटाने की कोशिश में जुटी हुई है। इससे भी कंपनी के मार्जिन में बढ़ोतरी होगी।
नेशन इकॉनमी रीजनल
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