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भाईयों के भाल पर सजा स्नेह का तिलक

भाईयों के भाल पर सजा स्नेह का तिलक

भाईयों के भाल पर सजा स्नेह का तिलक
अशोकनगर । दीपावली के दूसरे दिन मंगलवार को भाई-बहन के स्नेह के प्रतीक का पर्व भाईदूज परंपरागत रूप से मनाया गया। पर्व पर बहनों ने अपने भाईयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। पर्व के चलते नगर क्षेत्र में चहल-पहल का माहौल रहा। मान्यताओं के अनुसार स्वयं यमराज भी अपनी बहन यमुना से तिलक कराने इस दिन यमनोत्री धाम पहुंचे थे। इसलिए भैया दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं।
भाईदूज पर्व पर पौराणिक मान्यताओं के तहत नर्मदा में डुबकी लगाने से शनि दोष और अकाल मृत्यु का भय दूर होता हैं। इसी के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने क्षेत्र के पवित्र नर्मदा तटीय स्थल नीलकंठ घाट पहुंचकर स्नान किया। पर्व पर भाईयों ने अपने बहनों के घर पहुंचकर उनसे तिलक लगवाया तथा बहनों को देने के लिए उपहारों की खरीदी की। हालांकि सुबह-सुबह यात्री वाहन न चलने से परेशानी भी आई। ऐसे में भाईयों ने निजी वाहनों से बहिन के घर तक का सफर तय किया। भाई दूज पर्व को लेकर बाजार में सुबह से ही चहल-पहल होने लगी थी। खासकर युवतियां तथा महिलाएं सज-धजकर पूजा के थाल सजाने में जुट गई थीं। दोज के मौके पर जहां घरों में बहिनों ने दूज की पूजन कर अपने भाईयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। देव स्थानों पर भी लोगों की खासी भीड़-भाड़ देखी गई। लोग दूरदराज क्षेत्रों में स्थित अपने कुल देवताओं को पूजने के लिए भी पहुंचे। वहीं जेल में पहुंचकर बहिनों से अपने भाईयों के सिर पर तिलक लगाकर उनसे आर्शीवाद लिया, जेल पर सुबह से ही भीड़ लगने लगी थी। 
व्यवसायियों ने पूजे कांटे-बांट
दीपावली की दूज पर व्यवसायियों द्वारा अपने कांटे, बांट, औजार तथा वाहनों की पूजा करने की परंपरा मानी जाती है। कारोबारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठïानों की साफ-सफाई कर दूज पूजी तथा व्यवसाय संबंधी सारे उपकरणों तथा औजारों की पूजा की। इस दौरान उन्होंने नए सिरे से अपने बहीखाता में लेखा-जोखा किया। किसानों ने भी टै्रक्टरों तथा कृषि उपकरणों की साफ-सफाई कर उनकी विधिवत पूजा-अर्चना की। 
यातायात हुआ प्रभावित:
भाई दूज के दिन जिले के प्रमुख मार्गों पर चलने वाली अधिकांश बसें दोपहर तक बंद रही। बस मालिकों ने दोज पूजा करने के बाद ही अपनी बसों को रुट पर भेजा। बसें बंद रहने से यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी उन यात्रियों को उठानी पड़ी जो निर्धारित समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सके। सुबह से लेकर शाम तक यातायात बुरी तरह प्रभावित होता रहा। 
ट्रेनों में रही भीड़
भाई दूज के मौके पर अधिकांश निजी बसें दोपहर तक बंद रहने के कारण लोगो को टे्रनों का सहारा लेना पड़ा। जहां भाई अपनी बहिनों के पास जा रहे तो वहीं कई बहिनेेंं अपने भाईयों के पास जाने के लिये ट्रेन में सफर कर रही थीं। जिसके चलते टे्रनों में खासी भीड़ भाड़ देखने को मिली। वहीं कई लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा।
चाय के लिए तरसे लोग 
भाईदूज के दिन ग्रामीण क्षेत्रों से दूधियों ने दूध की सप्लाई बंद रखी। इस कारण न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में चाय की दुकानों पर दूध नहीं पहुंचा। इस कारण होटलों पर लोग चाय के लिए तरस गए। इसके अलावा घरों में भी दूज पर खीर बनाने के लिए लोगों को दूध नहीं मिला। ऐसे में लोगों ने विभिन्न कंपनियों के दूध के पैकिट लेकर काम चलाया। 

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