जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण तथा सड़क यातायात, राजमार्ग एवं नौवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज नई दिल्ली में राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सचिव यू.पी. सिंह के साथ संयुक्त रूप से १४ वर्गों में ८२ राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किए। गडकरी ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में पानी की कोई कमी नहीं है, बल्कि जल प्रबंधन समुचित रूप से मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि समूचे जल संसाधन सेक्टर के लिए एक नये दृष्टिकोण की आवश्यकता है और राष्ट्रीय जल पुरस्कार इस दिशा में एक अच्छा कदम है। भारत में जल के कारगर प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि ओखला बराज से ४०० एमएलडी पानी का उपचार किया जाएगा और उसे वजीराबाद बराज के जरिए दिल्ली में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कई परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि नहर से सिंचाई के स्थान पर पाइप के जरिए सिंचाई करने को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि पानी को बचाया जा सके। इसी तरह मौजूदा नहरों को भी पक्का बनाया जा रहा है, ताकि पानी का नुकसान न हो सके।
गडकरी ने कहा कि कुम्भ मेले में पानी ‘निर्मल’ और ‘अविरल’ रहा तथा लोगों ने स्वच्छ पानी में स्नान किया। उन्होंने कहा कि गंगा में डॉलफिन, कच्छुए और पक्षियों की मौजूदगी से पता लगता है कि नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार आया है। राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के विषय में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि १२ वर्षों के अंतराल के बाद इन पुरस्कारों को फिर से शुरू किया गया है। यह जल संरक्षण के विषय में जागरूकता फैलाने का एक बड़ा कदम है। उन्होंने विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने मंत्रालय से आग्रह किया कि राष्ट्रीय जल पुरस्कार हर वर्ष आयोजित की जाएं और उन्होंने प्रतिभागियों को आश्वासन दिया कि अगला पुरस्कार और भी बेहतर होगा।
नेशन
जल संरक्षण और प्रबंधन को जन-आंदोलन बनना होगा: मंत्री नितिन गडकरी