दिल्ली एम्स बनेगा दुनिया का सर्वश्रेठ चिकित्सा विश्वविद्यालय, तैयारियां शुरू
नई दिल्ली । दिल्ली एम्स को विश्व स्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाने के लिए अब सर्वे शुरू हो चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रबंधन ने सभी विभागों को इससे जुडने का अवसर दिया है। आगामी 10 नवंबर तक हर विभाग को 20 साल आगे के भविष्य को लेकर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अपने अपने विचार सौंपने हैं। साथ ही एक-एक बिस्तर से लेकर वार्डों के विस्तार पर पूरी योजना भी साझा करनी है। सर्वे पूरा होने के बाद इसकी अंतिम रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी जाएगी। देश भर के एम्स को इस यूनिवर्सिटी के अधीन रखा जाएगा। अभी तक देश में 21 एम्स को लेकर काम चल रहा है, जिनमें से करीब 14 एम्स में प्रवेश भी शुरू हो चुके हैं। एम्स प्रबंधन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि नए मास्टर प्लान के तहत दिल्ली एम्स को विश्व स्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी में तब्दील करने काम शुरू हो चुका है। इसके लिए जरूरतों का पता लगाने और उनपर काम करने के लिए ये सर्वे कराया जा रहा है। इसमें सभी विभागों को शामिल किया है ताकि जमीनी स्तर पर बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि सर्वे में कई वर्ग हैं जिनमें पेशेंट केयर के तहत प्रतिदिन की ओपीडी और आगामी जरूरत, इंडोर के तहत वार्ड व बिस्तर, एकेडिमिक व रिसर्च और स्टाफ के ऑफिस इत्यादि को शामिल किया है। इसके अलावा वर्तमान स्वास्थ्य सेवाएं और आगामी 20 वर्ष के विजन को जानने के लिए भी जानकारी मांगी है। उन्होंने बताया कि सर्वे के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं। दिपावली के बाद सभी विभागों से इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार एम्स को विश्व स्तरीय मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाने के लिए पूर्व निदेशक डॉ. पी वेणुगोपाल को हाल ही में सलाहाकार के रूप में नियुक्त किया है। देश भर के एम्स के बेहतर संचालन के लिए दिल्ली एम्स को आदर्श मॉडल भी बनाया है। इसीलिए यूनिवर्सिटी के अधीन सभी एम्स को रखा जाएगा और देश भर में एक जैसी स्वास्थ्य सेवाएं तय की जाएंगी।
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