पार्किंग नहीं होने और भारी वाहनों के प्रवेश से रोड़ो पर लगा रहता है जाम
जिम्मेदार अधिकारियों ने नहीं की कोई व्यवस्था, परेशान हो रहे लोग
कईयो बार पार्किंग के लिये बनाई योजनायें लेकिन आज तक नहीं हुई व्यवस्था
अशोकनगर । पार्किंग की व्यवस्था न होने एवं शहर में भारी वाहनों के आवागमन के कारण रोजाना घंटो जाम की स्थिति बनी रहती है। इस कारण स्थानीय रहवासियों को निकलने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
शहर में रोजाना स्टेशन रोड़, गांधी पार्क, बस स्टेण्ड अस्पताल चौराह, विदिशा रोड़ आदि रोड़ों पर जाम की समस्या उत्पन्न होती है। इस समस्या के निराकरण के लिये जिम्मेदार नगर परिषद और पुलिस सहित जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर की प्रमुख सडक़ों पर हुये अतिक्रमण से पार्किंग की सुविधा नहीं होने के कारण लोगो द्वारा दुकानो के आगे वाहन खड़े कर दिये जाते हैं। जिससे जाम की स्थिति निर्मित होती रहती है। इससे पैदल राहगीर को निकलने में परेशानी होती है। वोवनी का समय होने के कारण बड़ी संख्या में किसान बाजार में खाद-बीज लेने के लिये आते हैं और पार्किंग न होने के कारण अपने वाहन को दुकानो के सामने ही खड़ा कर देते हैं। जिससे लोगो को परेशानी होती है। वहीं सब्जी और फल-फ्रूट के ठेले भी रोड़ो पर खड़े कर अपनी दुकानदारी करते रहते हैं। जिससे रोड़े सकरी हो जाती है। बची जगह पर लोग अपना वाहन खड़ा कर सामान खरीदने लगते हैं। जिससे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगरपालिका द्वारा इस समस्या से निपटने के लिये कईयो बार प्लानिंग की, लेकिन यह प्लानिंग ही बनकर रह गई। आज तक कोई स्थाई हल नहीं निकल सका। दिन प्रतिदिन लोगो की समस्यायें बढ़ती जा रही हैं। शहर में बीचो-बीच बैंक भी हैं और इन बैंको के पास भी पार्किंग की व्यवस्था नही है। बैंक जाने वाले लोग भी रोड पर वाहन खड़े कर देते हैं। जिससे भी लोगो को आने-जाने में परेशानी उठानी पड़ती है। शहर के स्थानीय रहवासियों द्वारा कईयो बार जनप्रतिनिधी सहित प्रशासन से पार्किंग की व्यवस्था के लिये मांग उठा चुके हैं। जिससे की लोगो को जाम की स्थिति से छुटकारा मिल सके, लेकिन आज तक पार्किंग की व्यवस्था न होने से शहर में वाहन लेकर जाने वाले लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
-राहगीरों को होती है परेशानी:
शहर का मुख्य बजार पार्किक की समस्या से बुरी तरह जूझ रहा है इसके साथ ही अन्य स्थानों पर भी वाहन चालक अपने बाहन कहीं खड़े कर सके ऐसी जगह निर्धारित नही है। शहर के मुख्य बजार मे पूरे पार्किग की समस्या से जूझ रहा है लोग त्योहार के समय खरीददारी करने के लिए यहां पहुंचते है तो सर्वाधिक समस्या यही सामने आती है की वह अपने वाहन को खड़ा कहां करे। दुकानदारों द्वारा रोडो पर सामान रख लिया जाता है। सामान खरीदने बाले ग्राहक जब दुकान पर पहुुंचते हैं तो वह अपना बाहन भी दुकान के आंगे खड़ा कर देते है। जवकी दुकानदार द्वारा पहले से ही दुकान के आंगे सामन रखा रहता है। जिससे मार्ग सुकडक़र सकरी गली मे तब्दील हो जाता है और निकलने के लिए जगह ही नहीं बचती है। बजार मे तो यह समस्या और भी विक्राल रूप मे सामने आती है। नागरिक अपने बाहन लेकर बजार मे चल पाते नही है और कहीं रखने की व्यवस्था है नही है आखिर वह विचारे करे तो क्या करें।
-समय की होती है बर्बादी:
पार्किग की व्यवस्था न होने से बाहनो को जगह देखकर यहां वहां खड़ा करना पड़ता है जिससे आवागमन की समस्या पैदा होती है और जाम के हालात बन जाते है मुख्य बाजार मे तो यह हालात दिन भर ही बने रहते है। यहां दिन के अधिकांश समय जाम की स्थिति बनी रहती है शाम के समय जव बजार मे भीड़ उमड़ती है तो बैसे भी बजार मे पैर रखने को जगह नहीं मिलती है। उस पर बाहनो की रेल-मटेल हालत खराब करके रख देती है। घण्टे भर का समय लोगो को जांम से निकलने मे लग जाता है। यही हालात अन्य स्थानो पर बनते हैं। नया बस स्टेण्ड, कोलुआ रोड़, गांधी पार्क से इन्द्रा पार्क रोड़, पुराना बजार, ईसागड़ रोड़, बिदीशा रोड़, भारतिये स्टेड बैंक, स्टेशन रोड़, पछाड़ीखेड़ा रोड़ पार्किग न होने के कारण जाम के हालात बने रहते हैं। वहीं खाघ विक्रेताओ द्वारा किसानो के टैक्टर-ट्राली रोड़ो पर ही खड़े करवा लिए जाते है। जिससे नागरिको को परेशानी का सामना करना पड़ता है।