महाराष्ट्र की तस्वीर साफ होते ही हरियाणा में उतरेंगे शाह
चंडीगढ़ । हरियाणा में भाजपा के 75 पार के सपने को लगे ब्रेक पर आलाकमान सख्त है। 75 से ऊपर सीटों की उम्मीद संजोए बैठी भाजपा 40 पर कैसे सिमटी इसको लेकर मंथन जल्द ही होगा। फिलहाल पार्टी के संकटमोचक अमित शाह इस समय महाराष्ट्र में उलझ गए हैं। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर फंसा पेंच जब तक नहीं निकलेगा, हरियाणा पर मंथन नहीं हो जाएगा। इसलिए महाराष्ट्र की गुत्थी सुलझने का इंतजार है। जिसके बाद सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री विधायक, सांसदों और प्रभारी से यह पूछा जाएगा कि लोकसभा में दस सीटें जीतने के बाद हरियाणा में सरकार बहुमत में क्यों नहीं आई। हार के कारणों की समीक्षा के बाद अमित शाह मंत्रिमंडल विस्तार की तरफ ध्यान देंगे। इस बीच सीएम मनोहर लाल ने हरियाणा विधानसभा के सत्र की घोषणा कर दी है। सत्र में मंत्रियों की मौजूदगी को लेकर प्रदेश की जनता की निगाहें टिकी है। मंत्रिमंडल विस्तार विधानसभा सत्र के बाद टल सकता है। इस बार होने वाले विस्तार में अमित शाह का अहम रोल होगा। मंत्रियों के नाम से लेकर विभाग के बंटवारे तक में शाह की अहम भूमिका होगी, क्योंकि विभागों को लेकर पेंच फंस सकता है।
पुराने दरबारियों में कौन रहेगा कौन नहीं
सीएम मनोहर लाल के पुराने दरबारियों में से कौन रहेगा कौन नहीं यह भी तय होना बाकी है। कई नए लोग संघ की दुहाई देकर राजनीतिक नियुक्तियों पर नजरें गड़ाए हैं और कई पुराने दरबारी दोबारा नियुक्ति की लालसा में हैं। ऐसे में मनोहर लाल किसको स्थान देंगे और किसको नहीं यह उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा।
हैवीवेट मंत्रियों की कोठियों पर भी नजर
पिछली सरकार में बड़ी-बड़ी कोठियों पर काबिज मंत्रियों की कोठियों पर इस बार नए विधायकों की नजर है। नए बनने वाले मंत्री इन कोठियों पर दावा पेश करेंगे। चूंकि भाजपा पारदर्शिता का दावा करती है, इसलिए यह कोठियां खाली करना मंत्रियों की मजबूरी होगा। डिप्टी सीएम होने के नाते दुष्यंत भी बड़ी कोठी की डिमांड करेंगे। किसकी चलेगी यह आने वाले दो सप्ताह में तय हो जाएगा।
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