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राजकुमार राव के पहले न्यूड सीन पर उनके पैरंट्स ने ऐसे किया रिऐक्ट

राजकुमार राव के पहले न्यूड सीन पर उनके पैरंट्स ने ऐसे किया रिऐक्ट

राजकुमार राव के पहले न्यूड सीन पर उनके पैरंट्स ने ऐसे किया रिऐक्ट
मुंबई । कम वक्त में ज्यादा लोकप्रियता हासिल करने वाले बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार राव ने अपनी फिल्म 'लव सेक्स और धोखा' में राजकुमार ने एक न्यूड सीन किया था। लेकिन क्या आपको पता है कि जब राजकुमार ने इस फिल्म में अपने न्यूड सीन को लेकर पैरंट्स को बताया तो उनका रिएक्शन क्या था? हाल ही में इस बारे में बात करते हुए राजकुमार कहा कि अपने पैरंट्स को यह बताना कि जो फिल्म उन्हें मिली है, उसमें एक न्यूड सीन करना है, उनके लिए काफी मुश्किल रहा। बता दें कि 'लव सेक्स और धोखा' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले राजकुमार के करियर में यह फिल्म एक टर्निंग पॉइंट साबित हुई। न्यूड सीन पर पैरंट्स के रिऐक्शन को लेकर राजकुमार ने कहा, 'फिल्म ऑफर होने के 2 दिन बाद में दिबाकर बनर्जी से मिला और उन्होंने मुझसे कहा कि फिल्म में एक सीन हैं, जहां तुम्हें पूरी तरह से नेकेड (नंगा) होना पड़ेगा। मुझे यह समझने में कुछ सेकंड का वक्त लगा और फिर मैंने कहा कि हां ठीक है। यह मेरा काम है और अपने काम के लिए मैं कुछ भी करूंगा। लेकिन मैं यह भी जानता था कि अब मुझे अपने पैरंट्स और फैमिली को यह बताना होगा।'
राजकुमार ने जब बताया तो उनकी फैमिली का रिऐक्शन एकदम कूल था। बकौल राजकुमार, 'वे बहुत कूल थे। मैंने उन्हें बस इस सीन के बारे में बताया था। उनसे यह पूछा भी नहीं कि करना है या नहीं। मैंने उनसे कहा कि मुझे ऐसी एक फिल्म मिली है, तो वे इसी बात पर बहुत खुश थे। फिर जब मैंने कहा कि हो सकता है फिल्म के आखिरी सीन में मुझे नेकेड होना पड़े तो वे हैरान रह गए। इस पर मैं बोला कि मुझे शायद नंगा होना पड़ेगा। लेकिन सिर्फ बैक साइड से। कोई फ्रंटल न्यूडिटी नहीं होगी। इस पर वह मान गए और फिर इसका कभी जिक्र तक नहीं किया।' बता दें कि राजकुमार राव ने 'लव सेक्स और धोखा' ही नहीं बल्कि 'शाहिद' और 'ओमेर्टा' में भी न्यूड सीन किए थे। इसके बाद राजकुमार ने अपने बचपन के भी कुछ मजेदार किस्से बताए और कहा कि वह पूरी तरह एक फिल्मी किड (बच्चे) थे। उन्होंने बताया कि, 'मैं बिगड़ा हुआ लड़का नहीं था, लेकिन मुझे अडवेंचर बहुत पसंद था। मैं हमेशा बाहर ही रहता और कुछ न कुछ करता रहता था। मेरी बहुत लड़ाई भी होती थी और मैं एक फिल्मी हीरो था, लेकिन मैं गुंडा नहीं था। मेरे दोस्त लड़ाई-झगड़े में पड़ जाते थे और फिर मुझे बुलाते थे। मुझे तो बस लड़ाई में शामिल होने का एक बहाना चाहिए होता था। यह कुछ ऐसा ही था 'राज को आने दे, राज को आने दे' और फिर तब मैं जाता था। मैं एक हीरो की तरह जाता था। पूरी तरह से एक फिल्मी बच्चा था।' 

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