बैटरी खत्म होने से तनावग्रस्त हो जाते हैं लोग
नई दिल्ली । लोग को स्मार्टफोन की बैटरी खत्म होने से अच्छा-खासा तनाव हो जाता है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि लोगों को स्मार्टफोन की बैटरी खत्म होती देखकर इतना तनाव हो जाता है, जितना इंटरव्यू देने जाते समय होता है या किसी मीटिंग के लिए देर होने पर हो जाता है। हुआवेई के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान देखा कि लोगों को अपने फोन की बैटरी खत्म होती देखकर सबसे ज्यादा बेचैनी होती है। यह परिस्थिति बीच रास्ते में कार के खराब होने या घर में अकेले बंद हो जाने से भी ज्यादा खराब होती है। यहां तक कि इंटरव्यू के लिए जाते समय या किसी जरूरी मीटिंग के लिए देर होने पर भी इतना तनाव नहीं होता है, जितना फोन में बैटरी खत्म होने पर हो जाता है। फोन निर्माता कंपनी हुआवेई ने इस अध्ययन के लिए ब्रिटेन के 2006 वयस्कों से बात की। इस चीनी कंपनी ने अपने अध्ययन में पाया कि आधुनिक युग के उपभोक्ताओं के लिए बैटरी की क्या अहमियत है। शोध के सह लेखक और मनोविशेषज्ञ डॉक्टर लिंडा पापाडोपोलस ने कहा कि स्मार्टफोन अब हमारी जिंदगी का अभिन्न अंग हो गया है। लोग अब इसे आपसी संपर्क की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखते हैं। काफी सारी चीजों के लिए लोग अब फोन पर निर्भर हो गए हैं।
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बैटरी खत्म होने से तनावग्रस्त हो जाते हैं लोग