योग्य घोषित विधायकों ने उपचुनाव टालने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
कर्नाटक के अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने राज्य में 5 दिसंबर को होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव को कुछ और समय के लिए रोकने के अनुरोध के साथ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। न्यायमूर्ति एनवी रमण की अगुवाई वाली एक पीठ ने 17 विधायकों की ओर से दायर विभिन्न याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन याचिकाओं में विधायकों ने तत्कालीन एचडी कुमारस्वामी सरकार द्वारा विश्वास मत कराए जाने से पहले उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने को चुनौती दी है।
अयोग्य घोषित विधायकों की ओर से पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इस मामले का उल्लेख किया और कहा कि विधानसभा सीटों पर उपचुनाव पांच दिसंबर को तय हुआ है तथा उम्मीदवारों को 11 से 18 नवंबर के बीच नामांकन दाखिल करना होगा। उन्होंने कहा कि अयोग्य ठहराए गए विधायक अपना नामांकन दायर नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा शीर्ष अदालत का फैसला भी इस विशेष मुद्दे पर अब तक आया नहीं है। रोहतगी ने विधायकों की याचिका पर शीर्ष अदालत का फैसला आने तक उपचुनाव टालने का अनुरोध किया। शीर्ष अदालत ने अधिवक्ता से कहा कि वे विधायकों से इस संबंध में नया आवेदन दाखिल करने को कहें। इससे पहले चुनाव आयोग ने अयोग्य विधायकों की याचिका लंबित रहने के मद्देनजर 21 अक्टूबर को निर्धारित उपचुनावों को टाल कर नई तारीख पांच दिसंबर तय की थी।
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