भारत पेट्रोलियम के निजीकरण को लेकर मंत्रिमंडल ने अभी तक नहीं लिया कोई फैसला
भारत सरकार की मुनाफा कमाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) को उसके निजीकरण को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही। संभावना है कि सरकार तेल विपणन और रिफाइनिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) में प्रबंधन नियंत्रण के साथ अपनी पूरी 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 70,900 करोड़ रुपये में बेच सकती है। बीपीसीएल के निदेशक (वित्त) एन. विजयगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, "जहां तक निजीकरण की बात है तो कंपनी को आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। मुझे सरकार की तरफ से किसी ठोस प्रस्ताव के बारे में कोई अन्य जानकारी नहीं मिली है।" उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल को बीपीसीएल के विनिवेश पर अभी फैसला लेना है। विजयगोपाल ने कहा, "मंत्रिमंडल की समिति के स्तर पर फैसला लिया जा सकता है और ऐसा अभी तक नहीं हुआ है।" यह अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल अगले सप्ताह तक बीपीसीएल के निजीकरण के प्रस्ताव पर फैसला ले सकता है। चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए बीपीसीएल में हिस्सेदारी की बिक्री महत्वपूर्ण है। सरकार ने 2019-20 में विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपए हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
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