झारखंड में भाजपा का लोजपा-आजसू के साथ सीट शेयरिंग पर फंसा पेंच
- लोजपा अकेले लड़ सकती है चुनाव
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) का गठबंधन टूट के कगार पर जा पहुंचा है। दोनों पार्टियों में जरमुंडी सीट को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। लोजपा अपने प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान के लिए यह सीट चाह रही है, लेकिन भाजपा ने देवेंद्र कुंवर को यहां से उम्मीदवार बना दिया है। इसके बाद लोजपा के गठबंधन से नाता तोड़ने की संभावना पैदा हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी 37 सीटों पर अपने बूते चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। प्रदेश नेतृत्व ने 37 उम्मीदवारों की सूची पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान को सौंपी है। पिछले दो दिनों से दिल्ली में सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा और लोजपा में बातचीत का दौर जारी था, लेकिन बातचीत किसी अंजाम पर नहीं पहुंच सकी है।
दरअसल, लोजपा चुनाव में गठबंधन के तहत 6 सीटें चाह रही है। पार्टी जरमुंडी सीट से हर हाल में अपने प्रदेश अध्यक्ष को उतारना चाहती है, लेकिन भाजपा ने इसे देने से इनकार कर दिया है। भाजपा ने इस सीट से अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार लोजपा अकेले दम पर राज्य की 37 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में लोजपा ने भाजपा के साथ मिलकर एक सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसके बावजूद लोजपा शिकारीपाड़ा सीट नहीं बचा सकी थी। लोजपा के अलावा आजसू से भी भाजपा की बात नहीं बन पा रही है। बैठक और बातचीत का दौर जारी है। जानकारी के मुताबिक, भाजपा आजसू को 9 से 10 सीट देने को तैयार है, लेकिन आजसू 19 सीटों की मांग रही है।
आजसू ने अपनी दावेदारी वाली 19 सीटों की सूची भाजपा को सौंप दी है। इनमें से लोहरदगा, चक्रधरपुर, चंदनकियारी, हुसैनाबाद जैसी सीटों को लेकर पेंच फंसा है, जिन पर आजसू अड़ी हुई है। जबकि चक्रधरपुर से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को पार्टी ने टिकट दे दिया है। लोहरदगा सीट पर भाजपा कांग्रेस से हाल में पार्टी में आए सुखदेव भगत को उतारना चाहती है।