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अयोध्या पर फैसला संतोषजनक नहीं, हम मस्जिद के लिए लड़ रहे, जमीन के लिए नहीं : ओवैसी

अयोध्या पर फैसला संतोषजनक नहीं, हम मस्जिद के लिए लड़ रहे, जमीन के लिए नहीं : ओवैसी

अयोध्या पर फैसला संतोषजनक नहीं, हम मस्जिद के लिए लड़ रहे, जमीन के लिए नहीं : ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर अयोध्या मामले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा अगर बाबरी मस्जिद अवैध थी, तो लालकृष्ण आडवाणी एवं अन्य के खिलाफ इसे ढहाए जाने के संबंध में मामला क्यों चलाया जा रहा। एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा अगर बाबरी मस्जिद तब वैध थी, तो इसकी जमीन उन्हें क्यों दी गई, जिन्होंने इसे ढहाया। अगर यह वैध है तो इसे मुझे दे दीजिए। अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए ओवैसी ने कहा कि यह एक मूलभूत सवाल है। हम लोग इस फैसले से खुश नहीं हैं। बाबरी मस्जिद मेरा कानूनी हक है। मैं मस्जिद के लिए लड़ाई लड़ रहा हूं, जमीन के लिए नहीं। 
शनिवार को अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद वहां राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। रविवार को ओवैसी ने ट्वीट किया कि आज एक मुस्लिम क्या देखता है? वहां कई साल से एक मस्जिद थी, जिसे ढहा दिया गया। अदालत ने उस कथित निष्कर्ष पर कि जमीन रामलला से संबंधित है, उस जगह पर निर्माण की इजाजत दी है। एआईएमआईएम प्रमुख ने एक और ट्वीट में लिखा कि वैकल्पिक जमीन देकर हमें अपमानित किया जा रहा है। हमारे साथ भिखारियों जैसा बर्ताव नहीं करें। हमलोग भारत के सम्मानित नागरिक हैं। यह लड़ाई कानूनी हक के लिये है। उन्होंने फिर दोहराया कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ओवैसी ने कहा कि हमने न्याय मांगा था, दान नहीं। ओवैसी ने कहा कि आपके घर को ढहा दिया जाए और आप न्याय मांगने जाएं तो आपको घर दिया जाएगा या नहीं। क्या इसे घर ढहाने वालों को दे दिया जाएगा?
ओवैसी ने कहा कि मुस्लिमों को मस्जिद के लिए लड़ाई लड़नी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि आज भी भाजपा और आरएसएस के पास कई मस्जिदों की सूची है, जिसे वे ‘बदलना' चाहते हैं। उन्होंने शीर्ष अदालत के फैसले को लेकर समाजवादी पार्टी, बसपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत अन्य की ‘चुप्पी' पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह बाबरी मस्जिद विध्वंस के बारे में आने वाली पीढ़ी को बताएंगे। एआईएमआईएम प्रमुख ने समुदाय के नौजवानों से अनुरोध किया कि वे राजनीति में आएं और उनकी पार्टी का सहयोग करें। शनिवार को अयोध्या फैसला सुनाये जाने के तुरंत बाद ओवैसी ने कहा था कि संवेदनशील मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला ‘तथ्यों पर आस्था की जीत है' और उन्होंने मस्जिद निर्माण के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन दिये जाने को खारिज करने का सुझाव दिया। 


 

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